- गवर्नमेंट प्रेस में तड़के लगी आग, चार घंटे लगे आग पर काबू पाने में

- शार्ट सर्किट से आग लगने की बात आ रही सामने allahabad@inext.co.in

ALLAHABAD:

रविवार को तड़के बादल भड़के तो उसी वक्त सिविल लाइंस में गवर्नमेंट प्रेस में शोले भड़क गए। प्रेस के गोपनीय डिपार्टमेंट में लगी आग से रिकार्ड रूम में रखे कई महत्वपूर्ण पेपर्स राख हो गए। खाक लगने की वजह शार्ट सर्किट बताई जा रही है लेकिन इस पर सवाल भी उठ रहे हैं।

रखे थे कई महत्वपूर्ण पेपर्स

गोपनीय विभाग के रिकार्ड रूम में कई महत्वपूर्ण पेपर्स रखे थे। कई पेपर्स तो 20 साल से अधिक पुराने थे। प्रेस में आग तीन बजे के आसपास लगी। चार बजे के सिक्योरिटी के लोगों की नजर रिकार्ड रूम से उठ रहे धुएं पर गई। तुरंत ही फायर ब्रिगेड को भी खबर दे दी गई। डिप्टी सीएफओ योगेंद्र चौरसिया फायर फाइटर धर्मेद्र मिश्रा व अन्य के साथ गवर्नमेंट प्रेस में पहुंच गए। जिस वक्त फायर फाइटर्स पहुंचे, खिड़कियों, रोशनदान व दरवाजों से लपटें निकल रही थी। सवा चार बजे के आसपास रेसक्यू आपरेशन स्टार्ट हुआ। आग पर काबू पाने में चार घंटे से अधिक का समय लग गया। आग बुझाने में दमकल की चार गाडि़यों की जरूरत पड़ी। धुआं देर तक उठता रहा।

शार्ट सर्किट को बताया जा रहा वजह

गवर्नमेंट प्रेस के ऑफिसर्स का कहना है कि रात में आंधी बारिश के दौरान कई बार लाइट कटने और आने की बात सामने आ रही है। आशंका है कि बार-बार लाइट के आने जाने से शार्ट सर्किट हो गया होगा जिससे आग लग गई होगी। आग से केवल रिकार्ड रूम के पेपर्स ही खाक होने से कई सवाल भी उठ रहे हैं। गवर्नमेंट के ही कुछ लोगों का दबी जुबान में कहना है कि आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई।

कुछ सवाल

- आग रिकार्ड रूम तक ही क्यों सीमित रह गई

- आसपास के बाकी रूम आग की चपेट में आने से कैसे बच गए

- धुआं निकलता दिखा तो गवर्नमेंट प्रेस के गार्ड ने बुझाने की क्यों नहीं की कोशिश

- सूचना देने में इतनी देरी क्यों की गई, बिना जांच के ही शार्ट सर्किट का दावा क्यों

आग लगने की वजह क्लीयर नहीं है। शार्ट सर्किट से आग लगने की बात बताई जा रही है। इसकी जांच की जाएगी।

इंद्र कुमार तिवारी, सीएफओ