-बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का चैंबर जलकर राख, एक रिटायर्ड कर्मचारी ने फायर ब्रिगेड को दी सूचना

-आग की जद में प्रिंसिपल के पर्सनल सेक्रेटरी का भी कमरा, 40 फाइलें जली

-छुट्टी पर हैं प्रिंसिपल, घोटालों की चल रही जांच

GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के चैंबर में सोमवार सुबह आग लग गई। इसमें कई गोपनीय फाइलें जलकर राख हो गई। अगलगी में चार आलमारियों की फाइलों के पूरी तरह जलकर खाक हो गए हैं। प्रिंसिपल के पर्सनल सेक्रेटरी के कार्यालय में भी आग की लपटें पहुंची। 45 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने आग पर काबू पा लिया। आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हो सका है। हालांकि, जानकार इस आग को संदिग्ध मान रहे हैं। और यह शक इसलिए भी गहरा गया है कि आग लगने की सूचना एसबीआई बैंक में काम से आए रिटायर्ड कर्मचारी सुरेश चंद्र यादव ने दी। जबकि, बीआरडी के कर्मचारी बेमन से आग बूझाते रहे।

सुबह 9.50 बजे कर्मचारियों ने ऑफिस में आग की लपटों को देखा। इसके बाद कर्मचारियों, जूनियर रेजिडेंट और एसआर ने मिलकर अग्निशमन यंत्र को तोड़कर आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन आग बेकाबू हो गई। लेकिन किसी ने फायर ब्रिगेड को इसकी सूचना नहीं दी। इस दौरान प्रिंसिपल कार्यालय परिसर स्थित एसबीआई में काम से रिटायर्ड कर्मचारी सुरेश चंद यादव ने आग की लपटों को देखकर सबसे पहले फायर ब्रिगेड को सुबह 10.10 बजे सूचना दी। इसकी पुष्टि मुख्य अग्निशमन अधिकारी डीके सिंह ने की है। सूचना के बाद चीफ फायर ऑफिसर की अगुवाई में सात टैंकरों की मदद से फायर कर्मियों ने तीन तरफ से पानी फेंककर आग पर काबू पाया। इस दौरान परिसर में चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल रहा। पि्रंसिपल डॉ। गणेश कुमार के अवकाश पर बाहर जाने के कारण कितना नुकसान हुआ है। इसका पता नहीं चल सका है।

ऑक्सीजन कांड की जल गई फाइलें

सूत्रों की मानें तो इस अगलगी में ऑक्सीजन कांड की जांच की 40 फाइलें भी जल गई है। हालांकि दबी जुबान अधिकारियों का कहना है कि जांच की ओरिजनल फाइलें व कागज जांच टीम के पास है। ऑफिस में सिर्फ उसका फोटोकापी ही रखा गया था। मालूम हो कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की सप्लाई रूक जाने से 72 घंटों के अंदर 63 बच्चों की मौत के बाद पूरे देश में चर्चा में आ गया था। इस मामले में यूपी सरकार लोगों के निशाने पर आ गई थी। इसके बाद सरकार ने आदेश पर मुख्य सचिव की चार सदस्यीय कमेटी ने मौत के जिम्मेदार लोगों और हादसे के दोषियों की पहचान की थी। सीएम ने मुख्य सचिव की कमेटी की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के आदेश दिए। सभी आरोपी फिलहाल जेल में बंद है। सूत्रों के मुताबिक, इस केस के अतिरिक्त यूपी सरकार ने मेडिकल कॉलेज में पिछले वर्षो में हुई दवा की खरीद-फरोख्त और निर्माण व अनुरक्षण कार्यो के मद में हुए सभी प्रकार के व्यय आदि की जांच कर रिपोर्ट प्रेषित करने का आदेश दिया था। उसकी जांच चल रही थी। ऑफिस में उसकी भी फाइलें थीं।

वर्जन

व्यक्तिगत और समीक्षा बैठक से संबंधित रिकार्ड एक जगह पर रखे गए थे। कुछ रिकार्ड बचा लिए गए है। जो आग में जल चुका है उसकी लिस्ट तैयार की जा रही है। हमारे स्तर से विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय कमेटी गठित कर दी गई है जो पूरे मामले की जांच करेगी। उधर, प्रशासन स्तर पर भी सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में जांच टीम बनाई गई है।

डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज

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