चार्ट भी हो सकते हैं

आग में कौन-कौन से चार्ट अथवा दस्तावेज जले हैं यह तो अभी तक जांच का विषय है। कयास लगाए जा रहे हैं कि किसी क र्मचारी ने मिलीभगत करके चार्टों को जलाने का प्रयास किया है।

यह है वजह

पिछले दिनों कानपुर में फर्जी डिग्री मामले के खुलासे के बाद बीएससी और बीकॉम ईयर 2007 से 2010 तक के चार्ट रजिस्ट्रार ऑफिस में जमा करा दिए गए थे। अब जब मामले में तीन बाबुओं पर गाज गिर चुकी है। कइयों के खिलाफ जांच चल रही है। ऐसे में चार्ट अहम सबूत हैं। रजिस्ट्रार ऑफिस में चार्टों को जलाने की वजह ये भी हो सकती है कि मामला दबा दिए जाए।

बिखरे पड़े थे चार्ट

रजिस्ट्रार आफिस में बने रिकार्ड रूम में जले हुए कागजों की राख के साथ कई प्रमुख कोर्सों के चार्ट बिखरे पड़े थे। बीडीएस, एमबीबीएस समेत कई कापियां भी कूड़े की तरह पड़ी हुई थीं। इससे लगता है कि किसी ने यह कारनामा जानबूझकर किया है।

नहीं लगी बदबू, कहतें है रद्दी जल

रजिस्ट्रार रिकार्ड रूम में आग लगने के बाद उठने वाली बदबू किसी भी कर्मचारी को नहीं महसूस हुई। रिकार्ड रूम की हालत देखकर लगता है कि दाल में बहुत कुछ काला है। जब इस मामले में रजिस्ट्रार वीके पांडेय से बात की गई तो उन्होंने कहा कि रद्दी जलाई गई है.

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