- उत्तरकाशी जिले के सावणी गांव में भीषण अग्निकांड

- राहत कायरें में जुटी प्रशासन की टीम, ग्रामीणों को स्कूल में दी शरण

- दो स्कूलों में ठहराए गए हैं 39 परिवार

अग्निकांड में नुकसान

29 मकान जलकर खाक

10 गौशाला भी जलीं

100 मवेशी जिंदा जले

सावणी गांव

48 परिवार रहते हैं गांव में

220 है गांव की जनसंख्या

--------

- जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से 200 किलोमीटर दूर है गांव

- हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर से सटा है गांव

- गांव से नजदीकी फायर स्टेशन भी 100 किलोमीटर दूर

- प्रभावितों को प्रशासन ने 3800-3800 रुपए की दी फौरी राहत

- अग्निकांड की जांच में जुटी प्रशासन की टीम

UTTARKASHI: उत्तरकाशी में एक पूरा गांव आग से खाक हो गया। हालांकि गांव में किसी तरह की जनहानि तो नहीं हुई लेकिन 34 में से 29 घर अग्निकांड की भेंट चढ़ गए। अग्निकांड में करीब 100 मवेशी जिंदा जल गए। पूरे गांव के बाशिंदों को दो स्कूलों में शरण दी गई है। जिला प्रशासन की टीम राहत कार्यो में जुटी हुई है।

हिमाचल बॉर्डर से सटा है गांव

सावणी गांव उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 200 किलोमीटर दूर हिमाचल प्रदेश के बॉर्डर से सटा है। 48 परिवारों के इस गांव की आबादी 220 है। नैटवाड़ के कानूनगो जब्बर सिंह ने बताया कि थर्सडे को आधी रात के बाद करीब एक बजे ग्रामीण सरदार सिंह के घर से आग लपटें निकलने लगीं। घर के लोगों ने बाहर निकल शोर मचाया तो ग्रामीण भी आग बुझाने में जुट गए, लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका और देखते ही देखते गांव के 29 मकान आग की जद में आ गए।

पहाड़ी पर ली शरण

इस भीषण अग्निकांड से गांव में चीख पुकार मच गई। पूरा गांव सुलगने लगा और दहशत के चलते लोगों ने अपने परिवार के साथ गांव के पास एक पहाड़ी पर शरण ली। रात के ढाई बजे सावणी के ग्राम प्रधान ज्ञान सिंह ने फोन पर प्रशासन को अग्निकांड की सूचना दी। गांव में बचाव दल को पहुंचते-पहुंचते सुबह के 7 बज गए, हालांकि तब तक काफी हद तक आग खुद ही बुझ गई थी। लेकिन, गांव के 29 मकान राख हो गए थे।

फायर स्टेशन 100 किमी दूर

उत्तरकाशी के डीएम डॉ। आशीष चौहान ने बताया कि गांव से वन विभाग का निकटतम फायर स्टेशन करीब 100 किलोमीटर दूर पुरोला में है। गांव दुर्गम इलाके में है इस कारण गांव तक फायर ब्रिगेड का वाहन पहुंचाना भी असंभव था।

स्कूल में ग्रामीणों की व्यवस्था

डीएम डॉ। आशीष चौहान ने बताया कि अग्निकांड से 39 परिवार प्रभावित हुए हैं। बताया कि ग्रामीणों के लिए पास के स्कूल में रुकने की व्यवस्था प्रशासन द्वारा की गई है। तत्काल सहायता के तौर पर प्रत्येक प्रभावित परिवार को 3800-3800 रुपये की राहत दे दी गई है। खच्चरों के जरिए गांव में राशन पहुंचाई जा रही है।

----------

आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। गांव में लकड़ी के मकान हैं, इसके अलावा लोगों ने मवेशियों के लिए सूखी घास भी बड़ी मात्रा में इकट्ठी कर रखी थी। आशंका है कि सूखी घास से ही आग भड़की होगी। मामले की जांच कराई जा रही है।

- आशीष चौहान, डीएम, उत्तरकाशी।