फायर मैनेजमेंट में इंदिरा भवन, संगम प्लेस और नेहरू कॉम्प्लेक्स है फेल

फायर डिपार्टमेंट के सर्वे में खुली पोल, अफसरों को भेजी रिपोर्ट

ALLAHABAD: सिविल लाइंस स्थित इंदिरा भवन, संगम प्लेस और पुराने शहर के बीचों बीच घंटाघर चौराहे पर स्थित नेहरू कॉम्प्लेक्स। यह तीन ऐसी जगहें हैं, जहां दिनभर हजारों लोग आते-जाते रहते हैं। लेकिन आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि यहां पर आग से बचाव के उपाय न के बराबर हैं। अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। अफसरों ने तीनों बिल्डिंगों की रिपोर्ट अधिकारियों को सौंपी है। इसके लिए एडीए की जिम्मेदारी व जवाबदेही तय की गई है।

संगम प्लेस - यह मिलीं समस्याएं

-फायर इंस्टीग्यूशर मिला, लेकिन लंबे समय से रीफिल नहीं हुआ था।

-हाईड्रेंट है, लेकिन उसमें पानी की ही व्यवस्था नहीं है।

-बेसमेंट में फायर स्प्रिंकलर सिस्टम है, लेकिन काम नहीं कर रहा है।

यह दिया गया सुझाव

-नए सिरे से वायरिंग कराई जाए। पुरानी वायरिंग की वजह से चारों तरफ बिजली के तारों का जाला बन गया है। इससे शॉर्ट सर्किट से दुर्घटनाएं हो सकती हैं।

इसलिए है महत्वपूर्ण

-1993 में बनकर तैयार हुआ शहर का सबसे बड़ा बिजनेस हब।

- नौ फ्लोर में बने संगम प्लेस में स्थित हैं करीब 50 से अधिक ऑफिस और 200 से अधिक दुकानें।

- बैंक, कोचिंग, ऑफिसों के साथ कई अन्य संस्थान।

कॉलिंग

अपने स्तर पर तो करीब-करीब सभी ने आग से बचाव के लिए फायर इंस्ट्रीग्यूशर की व्यवस्था की है। लेकिन पूरे बिल्डिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी एडीए की है। सुरक्षा उपाय में अगर कोई खामी है तो उसे दूर करना चाहिए।

अजय मेहरोत्रा, संगम प्लेस

----------------

इंदिरा भवन- यह मिलीं समस्याएं

-हर फ्लोर पर होज पाइप की सुविधा की कमी है।

- ग्राउण्ड और अपर ग्राउण्ड फ्लोर पर भी वायरिंग की व्यवस्था बेहतर नहीं।

यह दिया गया सुझाव-

-अग्निशमन व्यवस्था में सुधार करते हुए हौज रील को तत्काल बदला जाए।

-----------------------

यह है खासियत

- 1987 में बन कर तैयार हुआ। कुल 9 फ्लोर पर करीब 300 दुकानें

- सेकेंड और थर्ड फ्लोर पर सेल टैक्स डिपार्टमेंट ऑफिस।

- फोर्थ फ्लोर पर एलआईसी ऑफिस।

- पांचवें फ्लोर पर आईओसी का क्षेत्रीय कार्यालय।

-छठे फ्लोर पर एनटीपीसी का क्षेत्रीय कार्यालय।

- सातवें और आठवें फ्लोर पर इलाहाबाद विकास प्राधिकरण का है ऑफिस।

- नौवें फ्लोर पर इंश्योरेंस ऑफिस।

कॉलिंग

इंदिरा भवन के ग्राउण्ड फ्लोर में तारों का मकड़जाल फैला हुआ है। हर किसी ने अपनी सुविधा अनुसार बिजली के तारों को दौड़ा रखा है। अगर अग्निशमन यंत्र और आग से बचाव के उपकरण काम न करें तो फिर मतलब क्या है।

-आशीष, इंदिरा भवन

---------------------

नेहरू कॉम्प्लेक्स- यह मिलीं समस्याएं

- बिल्डिंग में कहीं भी फायर इंस्टीग्यूशर नहीं मिला।

-अन्य मशीनें काम नहीं कर रही थीं।

-फायर अलार्म भी कहीं दिखाई नहीं दिया।

-ऑटोमेटिक फायर स्प्रिंकलर की सुविधा बिल्डिंग के बेसमेंट में नहीं थी।

सुझाव

-फायर स्प्रिंकलर लगवाया जाए।

-फायर अलार्म का अरेंजमेंट किया जाए।

यह है खासियत

-1984 में आवंटन और 1988 में बन कर हुआ था तैयार।

-चार फ्लोर में करीब 180 दुकानें।

कॉलिंग

नेहरू काम्प्लेक्स में आग से बचाव व्यवस्था देख-रेख के अभाव में पूरी तरह से फेल है। बिल्डिंग में कहीं भी फायर इंस्टीग्यूशर नहीं है। ह्यूम पाइप की व्यवस्था नहीं है। कॉरीडोर जेनरेटर और अन्य सामान के चलते ब्लॉक है।

-मो। अली, नेहरू कॉम्प्लेक्स

यहां आग से बचाव के लिए टंकी बनी हुई है। पाइप लाइन दौड़ाए गए हैं। लेकिन रख-रखाव में कमी है। ये बात बिल्कुल सही है। इस पर एडीए को थोड़ा और ध्यान देना चाहिए।

-कादिर भाई, नेहरू कॉम्प्लेक्स

---------------

बॉक्स

चल रहा है सर्वे

बिजनेस हब, काम्प्लेक्स के साथ ही प्राइवेट बिल्डिंग में आग लगने की घटनाओं से रोकथाम के लिए अग्निशमन विभाग ने सर्वे अभियान चला रखा है। इसके सके तहत गवर्नमेंट और नॉन गवर्नमेंट बिल्डिंगों में अग्निशमन व्यवस्था की जांच की जांच की जा रही है। इसी के तहत इन तीनों भवनों की हकीकत जांची गई।

--------------------

वर्जन

इंदिरा भवन, संगम प्लेस और नेहरू काम्प्लेक्स में फायर सेफ्टी के सभी नियमों का पूरी तरह से पालन किया गया है। इसके बाद भी अग्निशमन विभाग की ओर से जो सुझाव दिया गया है, उसका पालन करते हुए व्यवस्था को और बेहतर बनाया जाएगा।

-गुडाकेश शर्मा, अपर सचिव, एडीए

पब्लिक प्लेस पर अग्निशमन यंत्रों की बेहतर व्यवस्था हो सके, इसलिए सर्वे अभियान चलाया गया है। इसमें गवर्नमेंट बिल्डिंगों में काफी खामियां मिल रही हैं। इसे दूर करने के लिए सुझाव के साथ ही रिपोर्ट अधिकारियों को भेजी जा रही है ताकि कमियों को दूर कर लिया जाए।

-एसएल गुप्ता, फायर स्टेशन ऑफिसर