- मुंबई से भी खराब हैं बनारस के हालात, यहां लगी आग तो काबू पाना होगा मुश्किल
-बनारस में बड़ी आबादी के बीच गलियों में गेस्ट हाउस से लेकर रेस्टोरेंट्स हो रहे संचालित
शहर बनारस में आग से निपटने को लिए फायर ब्रिगेड मुस्तैद तो है लेकिन गलियों के इस शहर में कहीं न कहीं तैयारियां अधूरी ही है। शहर की अधिकतर गलियों में लगातार खुल रहे शोरूम, रेस्टूरेंट्, छोटे-बडे़ अपार्टमेंट चिंता सबब बन सकते हैं। भगवान न करें कि कभी ऐसा हादसा हो लेकिन यदि हो जाए तो उससे निपटने में बहुत दिक्कतें होंगी। फायर ब्रिगेड खुद मानता है कि गलियों में आग पर काबू पाना चुनौती भरा है। मुंबई के एक पब में अगलगी से 14 की मौत ने हर किसी को हिलाकर रख दिया है। बनारस में इसे लेकर फायर ब्रिगेड अपनी तैयारियों को दुरूस्त करने में जुट गया है। खास कर उन गलियों में जहां साड़ी गद्दी, रेस्टोरेंट, होटल, लॉज, गेस्ट हाउस, शोरूम, अपार्टमेंट संचालित है।
कैसे मिल रही परमिशन
बनारस सहित पूर्वाचल की सबसे बड़ी सर्राफा मंडी हो या फिर साड़ी गद्दी कह लीजिए, सब गलियों में ही संचालित होता है। दूसरे बहुत से व्यापार भी गलियों में होते हैं। पक्का महाल एरिया तो सिर्फ गलियों के लिए ही जाना जाता है। सोचनीय विषय यह भी है कि गलियों में खुल रहे शोरूम्स, गेस्ट हाउस से लेकर रेस्टूरेंट-लॉज, तैयार हो रहे अपार्टमेंट को एनओसी कैसे मिल जा रही है? वीडीए से लगायत फायर ब्रिगेड भी अपनी रिपोर्ट लगाता है। संकरी से संकरी गलियों में आग से निपटने का उपाय कुछ नहीं होते हुए भी फाइल पास होकर आगे बढ़ जा रही है।
महज तीन फायर स्टेशन
फायर ब्रिगेड डिपार्टमेंट के पास भले ही संसाधनों की भरमार है लेकिन आग से लड़ने वाले कर्मचारियों की कम संख्या डिस्ट्रिक्ट की 40 लाख आबादी को सेफ रखने के लिए ऊंट के मुंह में जीरा ही साबित हो रही है। इतनी बड़ी आबादी को आग लगने की घटनाओं के दौरान सुरक्षित रखने के लिए जिले में तीन फायर स्टेशन संचालित तो किए जा रहे हैं लेकिन इन तीनों को मिलाकर यहां मौजूद फायर फाइटर्स की संख्या गिनती की है।
20 परसेंट हैं ट्रेंड
फायर डिपार्टमेंट में वर्क करने वाले ट्रेंड कर्मियों की संख्या भी महज 20 परसेंट है जबकि 80 परसेंट कर्मचारी ऐसे हैं जो 50 की उम्र पार कर चुके हैं। यानि आग लगने की बड़ी घटना होने पर उसे बुझाने के लिए मौके पर पहुंचने में इनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है
तो कैसे बचेगी पब्लिक?
- 40 लाख है जिले की आबादी
- 18 लाख शहर की है पॉपुलेशन
- 194 फायर फाइटर्स हैं मौजूद
- सुरक्षा के लिए तैनात है सिर्फ 1 फायर फाइटर
- 16 लोगों की मौत हुई थी 2016 में आग लगने से
- 12 बेजुबान भी आग की भेंट चढ़े थे 2016 में
-3 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी भी आग की चढ़ी भेंट
ये हैं हालात
पद नाम स्वीकृत उपलब्ध खाली
सीएफओ 1 1 0
अग्निशमन अधिकारी 4 2 2
अग्निशमन द्वितीय अधिकारी 10 2 9
लीडिंग फायरमैन 25 20 5
फायर सर्विस चालक 31 28 3
फायरमैन 146 141 5
फॉलोवर 8 8 0
सफाई कर्मचारी 4 1 3
स्टेनो 1 - 1
एएसआई 4 - 4