बंद का विरोध पड़ा महंगा

गौरतलब है कि हाईकोर्ट बेंच की डिमांड को लेकर 16 जनवरी को आगरा बंद करने का आह्वान किया गया है। इस बंद को सफल बनाने के लिए वेडनसडे दोपहर को दीवानी-कचहरी के बार हॉल में एडवोकेट अरुण सोलंकी कुछ एडवोकेट्स के साथ मीटिंग कर रहे थे। इसी दौरान एडवोकेट तरूण राघव अपने साथियों को लेकर वहां पहुुंचे.  तरूण राघव ने हड़ताल और आगरा बंद को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया। इसी बात को लेकर दोनों में तीखी नोक-झोंक हो गई। वहां मौजूद एडवोकेट्स ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी। दोनों के बीच जमकर तकरार बढ़ गई। तभी, एडवोकेट अरुण सोलंकी ने लाइसेंसी पिस्टल से तरूण राघव के ऊपर फायरिंग कर दी। अंधाधुंध फायरिंग होता देख वकीलों में भगदड़ मच गई। इस दौरान मौजूद वकीलों ने अरुण सोलंकी के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। उन्होंने दीवानी परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया। फायरिंग की सूचना मिलते ही पुलिस फोर्स भी पहुंच गया। पुलिस के पहुंचने के बाद एडवोकेट्स का गुस्सा शांत हुआ। एडवोकेट तरूण राघव ने अरुण सोलंकी के खिलाफ तहरीर दी है।

गुमराह कर रहे हैं हमें

एडवोकेट्स का आरोप है कि कुछ एडवोकेट हाई कोर्ट बेंच को लेकर गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। इसी को लेकर हड़ताल कर दी जाती है और फिर मीटिंग की जाती है, जबकि सभी एडवोकेट्स बेंच को लाने में अपनी सहमति जता चुके हैं।

पहले मुकदमा, फिर समझौता

पुलिस ने फायरिंग करने वाले एडवोकेट अरुण सोलंकी के खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया था। न्यू आगरा इंस्पेक्टर ने बताया कि एडवोकेट अरुण सोलंकी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। मगर, देर शाम तक दोनों एडवोकेट््स के गुटों में समझौता करा दिया गया।