बढ़ती मुश्किलें
अमेरिकी प्रेसीडेंशियल इलेक्शन में रूसी दखल पर घिरे डोनाल्ड ट्रंप की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। एक विपक्षी डेमोक्रेटिक सांसद ने इस मामले की जांच में बाधा पहुंचाने के आरोप में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पेश किया है। कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सांसद ब्रैड शेरमन ने ट्रंप के खिलाफ यह प्रस्ताव उनके अपराध और खराब आचरण को लेकर लाया है। इस प्रस्ताव पर डेमोक्रेट अल ग्रीन के भी हस्ताक्षर हैं। यह पहली बार है जब एक सांसद ने इस साल 20 जनवरी को अमेरिका के 45वें प्रेसीडेंट के तौर पर शपथ लेने वाले ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है।

फिलहाल नुकसान नहीं
इस बारे में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सैंडर्स ने कहा, 'मेरे ख्याल से यह पूरी तरह हास्यास्पद और राजनीतिक खेल है। यह भी साफ है कि इस प्रस्ताव से ट्रंप की तबियत पर कुछ खास असर नहीं पड़ेगा क्योंकि पार्लियामेंट में वैसे भी रिपब्लिकन पार्टी मेजॉरिटी में है। वैसे, इस बिल के ज्यादा आगे बढऩे का अंदेशा कम ही है क्योंकि रिपब्लिकंस अपने प्रेसीडेंट के खिलाफ महाभियोग का बिल पास कराने से रहे। हां, इस कदम को ट्रंप के पतन के पहले पड़ाव के तौर पर जरूर देखा जा रहा है, क्योंकि उन पर रूसी हैकिंग और संबंधित जांच को प्रभावित करने समेत कॉन्फ्लिक्ट ऑफ इंट्रेस्ट और विदेशों से चंदा लेने के आरोप हैं। मीडिया ने इस मामले को काफी तूल दिया है और वो ट्रंप के खिलाफ किसी भी संभावित कार्रवाई को लेकर पैनी नजर बनाए हुए है। गौरतलब है कि ट्रंप और मीडिया के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है और ट्रंप खुद कई बार मीडिया को कोस चुके हैं।
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शेरमन ने का बयान
शेरमन ने प्रस्ताव लाने के बाद कहा, 'ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर के हालिया रहस्योद्घाटनों से यह संकेत मिलता है कि ट्रंप का प्रचार अभियान रूस की मदद लेने को आतुर था। अब लगता है कि प्रेसीडेंट ने फॉर्मर नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर माइकल फ्लिन और रूसी जांच मामले में बाधा डालने का प्रयास कर कुछ छुपाने की कोशिश की थी। मेरा मानना है कि एफबीआई निदेशक जेम्स कोमी से पहले बातचीत और फिर उनकी बर्खास्तगी से न्याय प्रक्रया में बाधा डाली गई।
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मुश्किल है प्रस्ताव का पारित होना
हालाकि रिपब्लिकन के बहुमत वाले कांग्रेस के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स में महाभियोग प्रस्ताव के पारित होने की संभावना कम ही है। प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए इसे बहुमत से पास किया जाना जरूरी है। जबकि 435 सदस्यीय सदन में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के 240 और विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के कुल 194 सदस्य ही हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि ट्रंप की पार्टी के सांसद इस प्रस्ताव के समर्थन में शायद ही वोट दें।
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कैसे बढ़ीं ट्रंप की मुश्किलें
पिछले साल ट्रंप के रिपब्लिकन उम्मीदवार बनने के कुछ दिनों बाद ही उनके बड़े बेटे और दामाद ने एक रूसी वकील से मुलाकात की थी। उनके साथ ट्रंप के चुनाव प्रभारी पॉल मैनफोर्ट भी मौजूद थे। ऐसे में, इन दोनों की रूसी हैक्स में मिलीभगत और सांठगांठ के आरोप लग रहे हैं और ये भी माना जा रहा है कि ये सब ट्रंप की जानकारी में था। वहीं, कोमी ने पिछले महीने कांग्रेस समिति को बताया था कि ट्रंप ने फ्लिन के साथ रूस के संबंधों की जांच बंद करने को कहा था।

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फ्रांस पहुंचे ट्रंप
इस पूरे मामले के बीच प्रेसीडेंट ट्रंप फ्रांस में अपने दौरे के लिए पहुंच गए हैं जहां वह फ्रेंच प्रेसीडेंट इमैन्युअल मैक्रों से मिले। हालांकि, जाने से पूर्व उन्होंने अपने बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर को निर्दोष करार देते हुए सारे मामले को राजनीतिक षडय़ंत्र करार दिया। ये भी दावा किया जा रहा है कि ट्रंप जूनियर ने रूसी वकील से इसलिए मुलाकात की, क्योंकि उनके ओर से आश्वासन दिया गया था कि उनके पास क्लिंटन परिवार के खिलाफ बड़े सुबूत हैं।

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