RANCHI : राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल में शुक्रवार को आई डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने सफल कॉर्निया ट्रांसप्लांट कर इतिहास रच दिया है। जहां दो लड़कियां अब दोनों आंखों से दुनिया देख सकेंगी। उन्हें इंफेक्शन से बचाने के लिए डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। दोनों ही लड़कियों की आंखें जन्म से ही खराब थी। लेकिन इस आपरेशन से अब उनकी सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी। वहीं रिम्स में ही मरीजों का आई ट्रांसप्लांट भी होगा। ऐसे में मरीजों को आई ट्रांसप्लांट के लिए झारखंड से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इतना ही नहीं, लोगों की जेब पर भी ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा। आपरेशन करने वाली टीम में डॉ। राहुल, डॉ। आरके गुप्ता, डॉ। सुनिल, डॉ। विवेक, डॉ। संतोष और डॉ। नेहा के अलावा अभिमन्यु, प्रेम, असलम, चंदन, निराला शामिल थे।

डॉक्टरों ने परिजनों से की रिक्वेस्ट

रिम्स में इलाज के दौरान एक युवक की मौत हो गई। इसकी सूचना मिलते ही आई डिपार्टमेंट के डॉक्टरों ने उसके परिजनों से संपर्क किया और कॉर्निया ट्रांसप्लांट के लिए रिक्वेस्ट किया। थोड़ी देर बाद मृतक के परिजनों ने कॉर्निया ट्रांसप्लांट की सहमति दे दी। इसके बाद क्या था डॉक्टरों की टीम ने मृतक की कॉर्निया निकालकर उसे निर्मला कुमारी और निशा कुमारी को ट्रांसप्लांट कर दिया।

कार्निया ट्रांसप्लांट को करेंगे अवेयर

कार्निया ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टरों ने बताया कि हमलोग कई दिनों से आपरेशन को लेकर प्रयास कर रहे थे। लेकिन कोई भी कार्निया ट्रांसप्लांट के लिए परिजन परमिशन ही नहीं दे रहे थे। इस वजह से काफी परेशानी हो रही थी। लेकिन हमने इस बार परिजन से रिक्वेस्ट की और हम सफल भी हुए। अब हम इस प्रयास के बाद जागरूक करेंगे और लोगों से कार्निया ट्रांसप्लांट की परमिशन देने की अपील भी करेंगे। ताकि मरने के बाद भी उनकी आंखों से कोई नई दुनिया देख सके।

वर्जन

राज्य के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। 18 सालों में यह पहला मौका है जब रिम्स में कॉर्निया ट्रांसप्लांट किया गया। इसमें दो लड़कियों को नया जीवन मिला है। परिजनों का धन्यवाद जिन्होंने अपने बेटे की कार्निया डोनेट करने की परमिशन दी। अब रिम्स में भी लोगों की आंखों की रौशनी लौटाई जा सकेगी।

-निधि खरे, प्रिंसिपल सेक्रेटरी, हेल्थ