देवी मंदिरों में दर्शन के लिए उमड़े भक्त, बाहर मेला

ALLAHABAD: बुधवार से पूरे विधि विधान के साथ शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ हो गया। देवी मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का आना-जाना शुरू हो गया। मां ललिता देवी, कल्याणी देवी मंदिर में शाम तक भीड़ देखने को मिली। देवी गीतों से माहौल भक्तिमय हो गया था।

गृहस्थ व साधकों ने रखा वृत

माता भगवती को पूजने एवं उनकी आराधना करने का श्रेष्ठ एवं पवित्र समय नवरात्र होता है। वैसे तो वर्ष में चार नवरात्र होते हैं। चैत्र नवरात्र, शारदीय नवरात्र एवं दो गुप्त नवरात्र हैं। गुप्त नवरात्र तन्त्र साधनाओं के लिए उत्तम होता है। गृहस्थों एवं साधकों के लिए चैत्र एवं शारदीय नवरात्र प्रमुख है।

राहुकाल से पहले हुई स्थापना

वैसे तो आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि मंगलवार को दिन में 9.10 बजे ही लग गई। परन्तु उदया तिथि के कारण नवरात्र का प्रारम्भ बुधवार से हुआ। चित्रा नक्षत्र एवं वैधृति योग में नवरात्र आरम्भ होने के कारण कलश स्थापना अति फलदायी अभिजीत मुहूर्त में किया गया। नवरात्र के पहले दिन माता रानी की पूजा अर्चना धूमधाम से घर-घर कलश स्थापना के साथ श्रद्धापूर्वक की गई। बहुत सारे लोगों ने कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में सूर्योदय के समय भी किया। दोपहर 12 बजे से राहुकाल होने के कारण इससे पहले ही यह कार्य सभी जगहों पर सम्पन्न कर लिया गया।

कोलकाला के कलाकारों ने किया मनोहारी श्रृंगार

महाशक्तिपीठ मां ललिता देवी मंदिर मीरापुर में शारदीय नवरात्र मेला का शुभारंभ हो गया जो 18 अक्टूबर तक चलेगा। श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ सुबह के समय प्रयाग के विद्वान पंडितों द्वारा किया गया। शाम से शत्चंडी महायज्ञ की शुरूआत की गई। रात्रि में विशाल मां भगवती जागरण का आयोजन किया गया। मां ललिता देवी का मनोहारी श्रृंगार कोलकाता के कलाकारों द्वारा किया गया है।

मां का महाभिषेक, महोत्सव शुरू

महाशक्तिपीठ मां कल्याणी देवी मंदिर में मंगला आरती के साथ नवरात्र महोत्व का प्रारंभ हुआ। मध्यान में मां का महाभिषेक एवं षोडसोपचार पूजन किया गया। शाम के समय शैलपुत्री स्वरूप के भव्य दर्शन के लिए कपाट खोला गया। मां का श्रृंगार चांदी एवं जड़ायू आभूषणों, बेला, गुलाब एवं गुड़हल के फूलों से किया गया। गुरूवार को मां भगतवी ब्रहमचारिणी स्वरूप में दर्शन देंगी। इस दौरान माता एक भुजा में कमंडल तथा दूसरी भुजा में जप माला धारण करेंगी।

भजन कीर्तन से मंगलकामना

सिद्धपीठ मां काली के प्राचीन मंदिर भावापुर में महिलाओं की टोली ने भजन कीर्तन एवं नृत्य के साथ मंगलमय त्यौहार की कामना की। यहां माता का श्रृंगार बहुरंगी फूलों से किया गया। इस अवसर पर सुशील पंडा, पंकज शर्मा, मुकेश साहू, पिन्टू भाई, अशोक केशरवानी, सत्यम, देव, बुलबुल आदि उपस्थित रहे।