- राज्यपाल के अभिभाषण में सपा सदस्यों ने किया जोरदार हंगामा

- राज्यपाल पर निशाना बनाकर फेंके कागज के गोले, नारेबाजी की

- धक्कामुक्की में बेहोश होकर गिरे सपा विधायक सुभाष पासी

- 1000 से ज्यादा कागज के गोले फेंके गये राज्यपाल की ओर

- 500 के करीब सदस्य मौजूद थे दोनों सदनों के विधानसभा में

- 350 सदस्य भाजपा के, 150 विपक्ष के थे मौजूद

- 100 से ज्यादा मार्शल लगाने पड़े सदन की कार्यवाही के दौरान

- 10 बार कागज का गोला लगा राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष को

- 01 घंटे तक राज्यपाल राम नाईक ने बिना रुके पढ़ा अभिभाषण

- 2017 मे भी सपा सदस्यों ने फेंके थे गोले, बजाई थी सीटियां

lucknow@inext.co.in

LUCKNOW: सदन की मर्यादा एक बार फिर तार-तार हुईं, यूपी की एसेंबली में मंगलवार को जमकर कागजी गोले बरसाए गए और निशाने पर थे गवर्नर राम नाईक।  मौका था बजट सत्र में गवर्नर के अभिभाषण का। विरोधी खेमा खासतौर से सपा के सदस्य राज्यपाल को टारगेट कर सदन की गरिमा को तार-तार करने वाले गोले फेंक रहे थे। सदन में हो रही इस निशानेबाजी को सपा के तमाम वरिष्ठ नेता उनकी हौसलाफजाई करते दिखे। इस दौरान कुछ गोले मार्शल की नजरों से बचते हुए राज्यपाल को जाकर लगे पर उन्होंने अपना अभिभाषण नहीं रोका।

बेहोश हो गये सपा विधायक

हैरत की बात यह है कि सपा विधायकों ने अपने साथी को भी नहीं बख्शा। अपनी कुर्सी से नारेबाजी कर रहे सपा विधायक सुभाष पासी को उनके साथियों ने वेल में बुला लिया और उनको उठाकर अध्यक्ष के आसन की ओर धकेलने लगे। इस आपाधापी में वह अचानक नीचे गिर गये और बेहोश हो गये। सपा विधायक उनको उठाकर बाहर लाए जिसके बाद उनको तत्काल अस्पताल भेज दिया। विधानसभा में मौजूद डॉक्टर ने बताया कि सुभाष पासी को चोट लगी है जिसकी वजह से वे बेहोश हो गये। सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद तमाम विधायक उनका हाल लेने अस्पताल भी गये।

साथ लेकर आए थे खिलौने

सदन में पहली बार सपा विधायक गाय, हिरण जैसे खिलौने भी साथ लेकर आए थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समीप खड़े विधायक बार-बार इन खिलौनों को हाथ में लेकर राज्यपाल को दिखा रहे थे। इतना ही नहीं, वे कुछ कार्टून बने पोस्टर भी हाथ में लिए थे जिसमें गले में पट्टा बांधे सीबीआई को दर्शाया गया था। दूसरे पोस्टर में पीएम मोदी निशाना थे, जो पिंजरे में बंद सीबीआई रूपी 'तोते' को जकड़े थे। सपा, बसपा और कांग्रेस के सदस्य लगातार जोर-जोर से 'राज्यपाल वापस जाओ' नारे लगा रहे थे।

जमकर हुई अफरातफरी

सपा के सदस्यों की अराजकता का आलम यह था कि वह हर तरफ से मार्शल को धक्का देकर अध्यक्ष के आसन तक पहुंचना चाहते थे। कई विधायकों को कंधों पर उठाकर मार्शलों के ऊपर से आसन तक फेंकने का प्रयास भी किया गया। कागज के गोले बनाकर एक साथ निशाना बनाया जा रहा था ताकि राज्यपाल को बोलने से रोका जा सके। सपा एमएलसी संजय लाठर लगातार पोस्टर का भोंपू बनाकर चिल्ला रहे थे। उनका साथ एमएलसी आनंद भदौरिया दे रहे थे। सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल उनका हौसला बढ़ा रहे थे जबकि वरिष्ठ नेता आजम खान चुपचाप अपनी जगह पर खड़े थे।

राज्यपाल को लगे कई गोले

सपा सदस्यों द्वारा फेंके जा रहे कागज के गोले कई बार राज्यपाल को लगे। एक गोले को मार्शल ने रोकने की कोशिश की तो नजदीक बैठे विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को जा लगा जिसके बाद वह धीरे से मुस्करा दिए। खास बात यह रही कि इस दौरान भाजपा सदस्यों ने पूरा अनुशासन दिखाया और वे केवल राज्यपाल द्वारा बताई जा रही राज्य सरकार की उपलब्धियों पर मेज थपथपाते रहे।

मुख्य विपक्षी दल सपा, बसपा और कांग्रेस ने जो सदन में आचरण किया वह निंदनीय, असंवैधानिक, अलोकतांत्रिक है। इससे सदन की गरिमा तार-तार हुई है। सपा ने गुंडागर्दी की हदें पार कर दी। कागज के गोले बनाकर राज्यपाल की ओर फेंके। यह साबित करता है कि सपा अपने गुंडागर्दी के आचरण से बाज नहीं आएगी। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सपा का सामान्य जीवन में क्या आचरण होगा। विपक्ष का यह आचरण लोकतंत्र को कमजोर करता है।

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