RANCHI : देश-दुनिया में अमन और शांति का पैगाम लिए रांची से आजमीन-ए हज का पहला जत्था सोमवार को रवाना हुआ। बिरसा मुंडा एयरपोर्ट से 140 आजमीन-ए-हज को लेकर एयर इंडिया के विमान ने मक्का-मदीना के लिए उड़ान भरी। पहले जत्थे में 79 पुरूष और 61 महिलाएं शामिल हैं। समाज कल्याण मंत्री डॉ लुईस मरांडी और हज कमेटी के सदस्यों ने सभी आजमीन-ए-हज को विदा किया। इस मौके पर बड़ी संख्या में आजमीन-ए-हज के परिजन भी मौजूद थे।

नम थी आंखें

इस मौके पर आजमीन- ए-हज जहां उत्साह से लबरेज थे, वहीं उनके परिजनों की आंखें नम थी। आजमीन-ए हज ने इस दौरान मुल्क में शांति, सौहार्द, समृद्धि, भाईचारगी और खैरियत की दुआएं की। इस दौरान हज यात्रियों को विदा करने के लिए बड़ी संख्या में करीबी एयरपोर्ट पर मौजूद थे। उन्होंने गले मिलकर सभी को विदा किया।

बैठने के लिए कुर्सी नहीं, पीने के पानी को तरसे

झारखंड हज कमेटी की ओर से आजमीन-ए हज के लिए की गई व्यवस्थाओं की पोल पहले जत्थे की रवानगी के साथ खुल गई। रांची एयरपोर्ट पर आजमीन-ए हज व उनके परिजनों के बैठने तक का इंतजाम नहीं था। कई आजमीन-ए-हज के परिजन तो फर्श पर ही बैठ गए थे। बारिश में वे भीगने को मजबूर थे। इतना ही नहीं, वे पीने के पानी के लिए भी इधर-उधर भटक रहे थे। शौचालय की भी स्थिति काफी बदतर थी। इस वजह से महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा।