- आगरा के बाद मेरठ दंगों के मामले में दूसरे नंबर पर

- एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार हो चुके हैं 161 दंगे

- मेरठ में कम्यूनल दंगों की संख्या हो चुकी है आठ

Meerut : सूबे में दंगों के मामले में मेरठ पहले से ही बदनाम हैं। अगर बात पिछले एक महीने की करें तो मेरठ जिले में तीन दंगे हो चुके हैं। खिर्वा में जो हुआ उसके जख्म अभी भी दिलों में ताजा हैं। दो दिन पहले लालकुर्ती में जो हुआ वो भी लोग भूले नहीं है। तीसरा, हसनपुर में जो सोमवार को हुआ इसी में आगे की कड़ी है। तमाम व्यवस्थाओं के बाद भी मेरठ अपनी पहचान से दंगों का दंश नहीं मिटा पा रहा है। अगर पूरे सुबे की बात करें तो मेरठ का स्थान आगरा के बाद दूसरा है।

एनसीआरबी रिपोर्ट में मेरठ

अगर यूपी में मेरठ की बात करें तो दंगों के मामलों में आगरा के बाद मेरठ दूसरे स्थान पर है। एनसीआरबी रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2014 में 161 दंगे हुए जबकि आगरा में ये फिगर 242 रही। उसके बाद कानपुर 97, सूबे की राजधानी लखनऊ 73, गाजियाबाद 37, वाराणसी 34, इलाहाबाद में 23 दंगे हुए। इन दंगों को रोकने में डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन पूरी तरह से नाकाम साबित हुआ है।

देश में चौथे स्थान यूपी

अगर देश की बात करें तो सूबे के हालात कुछ ज्यादा ही दिखाई दे रहे हैं। पूरे देश में कुल दंगों में यूपी की भागेदारी 10 फीसदी के आसपास है। अगर एनसीआरबी की रिपोर्ट की मानें तो यूपी में 6438 दंगे हुए थे। जबकि सबसे ऊपर नंबर बिहार का है। पिछले बिहार में 13,566 दंगे हुए थे। जबकि महाराष्ट्र में 7760, कर्नाटक में 6520, केरल में 5820, वेस्ट बंगाल में 5345 दंगे हुए। पूरे देश की बात करें तो 66,042 दंगे दर्ज किए गए।

सूबे के जिलों में दंगे

जिला दंगे

आगरा 242

मेरठ 161

कानपुर 97

लखनऊ 73

गाजियाबाद 37

वाराणसी 34

इलाहाबाद 23

देश में दंगों की स्थिति

राज्य दंगे

बिहार 13,566

महाराष्ट्र 7760,

कर्नाटक 6520

यूपी 6438

केरल 5820

वेस्ट बंगाल 5345

देश 66,042

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