कुछ ऐसी है जानकारी

मलाला युसुफजई के बारे में याद दिला दें कि इनको तालिबानियों ने अपनी बंदूकों का निशाना बनाया था। यह घटना उस समय हुई थी जब वह स्वात घाटी में अपनी स्कूल बस से घर के लिए लौट रही थीं। मलाला (15 वर्षीय) ने उस समय लड़कियों की शिक्षा के लिए कदम आगे बढ़ाए थे। इन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए बहुत कुछ करने का मन बनाया। इसके बाद तालिबानियों की ओर से मलाला पर हुए हमले की हर जगह निंदा की गई। इनके समर्थन में देश के कोने-कोने से समर्थक एकजुट होने लगे।

दुनिया भर में हुए मलाला के चर्चे  

हालांकि मलाला इस हमले में बच गईं। अब इन सबके बाद देश के कोने-कोने में मलाला एक जाना-माना नाम बन गया। लड़कियों की शिक्षा को लेकर इनका नाम देश के कोने-कोने में गूंजने लगा। अब मलाला, मलाला फंड की को-फाउंडर भी बन गईं हैं। काफी प्रसिद्ध डॉक्युमेंट्री फिल्म मेकर डेविस गगेनहेम ने मलाला को लेकर ये डॉक्युमेंट्री फिल्म तैयार की है। शिक्षा को लेकर मलाला खुद कहती हैं कि एक बच्चा, एक टीचर, एक किताब और एक कलम, पूरी दुनिया को बदल कर रख सकता है।            

मलाला के जीवन का हर पहलू है इसमें

इस डॉक्युमेंट्री में डेविस दर्शकों को दिखाएंगे कि कैसे मलाला, उनके पिता जिया और उनका परिवार देश भर में बालिका शिक्षा को लेकर प्रतिबद्ध हैं। इस फिल्म में डेविस ने मलाला की जिंदगी के लगभग हर पहलू को छूने की कोशिश की है। इसके जरिए हम मलाला से पूरी तरह से रूबरू हो सकेंगे। उनके जीवन में शिक्षा के प्रति ये अलख उनके पिता के एक करीबी ने जगाई।

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