KANPUR: बॉलीवुड की बॉयोपिक दुनिया में अब एक और बायोपिक आने वाली है। जहां राजी, परमाणु और संजू जैसी फिल्में पर्दे पर कमाल कर चुकी हैं वहीं सूरमा, गोल्ड और मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी जैसी फिल्में लाइन में लगी हैं। इसी बीच नोबेल प्राइज विनर मलाला युसुफजई की बायोपिक गुल मकाई का मोशन पोस्टर रिलीज हो गया। इस टीजर में मलाला युसुफजई से इंस्पायर्ड गुल मकाई को हाथ में जलती हुई किताब लिए दिखाया गया है। 
जिहाद और धर्म की कहानी: इसके बैकग्राउंड में कबीर बेदी की आवाज में कहा गया है, 'यह तब की बात है जब जिहाद और धर्म के नाम पर तालिबान पाकिस्तान और अफगानिस्तान को तबाह कर रहा था, तभी पाकिस्तान के एक छोटे वे गांव से एक आवाज उठी। 
नोबेल प्राइज विनर हैं मलाला: मलाला युसुफजाई पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट हैं जो वहां बचपन से महिला शिक्षा के लिए जागरुकता का काम कर रही थीं। 2012 में तालिबानियों ने उन्हें गोली मार दी थी, जिसके बाद ब्रिटेन में उनका इलाज किया गया। 2014 में मलाला को शांति का नोबेल प्राइज भी मिला था। 

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KANPUR: बॉलीवुड की बॉयोपिक दुनिया में अब एक और बायोपिक आने वाली है। जहां राजी, परमाणु और संजू जैसी फिल्में पर्दे पर कमाल कर चुकी हैं वहीं सूरमा, गोल्ड और मणिकर्णिका: द क्वीन ऑफ झांसी जैसी फिल्में लाइन में लगी हैं। इसी बीच नोबेल प्राइज विनर मलाला युसुफजई की बायोपिक गुल मकाई का मोशन पोस्टर रिलीज हो गया। इस टीजर में मलाला युसुफजई से इंस्पायर्ड गुल मकाई को हाथ में जलती हुई किताब लिए दिखाया गया है। 

जिहाद और धर्म की कहानी: इसके बैकग्राउंड में कबीर बेदी की आवाज में कहा गया है, 'यह तब की बात है जब जिहाद और धर्म के नाम पर तालिबान पाकिस्तान और अफगानिस्तान को तबाह कर रहा था, तभी पाकिस्तान के एक छोटे वे गांव से एक आवाज उठी। 

 

नोबेल प्राइज विनर हैं मलाला: मलाला युसुफजाई पाकिस्तान की सोशल एक्टिविस्ट हैं जो वहां बचपन से महिला शिक्षा के लिए जागरुकता का काम कर रही थीं। 2012 में तालिबानियों ने उन्हें गोली मार दी थी, जिसके बाद ब्रिटेन में उनका इलाज किया गया। 2014 में मलाला को शांति का नोबेल प्राइज भी मिला था। 


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