-जीएसटी ऑडिट और कंपनी ऑडिट पर वर्कशॉप आर्गनाइज

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क्कन्ञ्जहृन्: जीएसटी में लगातार नए प्रावधान आ रहे हैं और कई समस्याओं का निपटारा भी किया गया है। लेकिन समस्या यह है कि जिन लोगों ने शुरुआती दौर में गलती कर जीएसटी रिटर्न फाइलिंग की, उन्हें रिवाइज रिटर्न फाइलिंग के लिए कोई ऑप्शन नहीं मिला है। इस कारण पीडि़तों की समस्या बढ़ गई है। ये बातें सीए रोहिणी अग्रवाल ने द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकउंटेंट्स ऑफ इंडिया, पटना शाखा की ओर से आयोजित वर्कशॉप में कही। विषय था- 'फाइनेंसियल ऑडिट और जीएसटी ऑडिट'। इस वर्कशॉप के बारे में आईसीएआई, पटना ब्रांच के अध्यक्ष महताब आलम ने बताया कि इन दोनों ही महत्वपूर्ण विषयों पर सीए और ऑडिटर्स के बीच में आवश्यक जानकारी का प्रसार- प्रसार हो, इस मकसद से यह आयोजन किया गया। शहर के प्रमुख सीए ने पार्टिसिपेट किया।

चार्ट बनाकर बचें गलती से

वर्कशॉप में बतौर गेस्ट सीए रोहिणी अग्रवाल ने जीएसटी ऑडिट के विषय पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जीएसटी रीटर्न आपके खाते से मैच करना चाहिए। यदि अंतर हो तो अलग से विवरण दें। साथ ही जीएसटी रीटर्न भरने में कोई भूल हो गई है या तकनीकी गलती हो तो अलग चार्ट बना लें। बाद में इसकी जानकारी मांगी जा सकती है। साथ ही यदि किसी महीने का रिटर्न में कोई आइटम का अमाउंट छूट गया है तो अगले माह के रिटर्न में सुधार लें। कुलमिलाकर यह जीएसटी अपडेशन के बारे में महत्वपूर्ण सेशन रहा। जबकि सीए अनिल गुप्ता ने वर्कशॉप के पहले सत्र में फाइनेंसियल ऑडिट के पहलुओं पर चर्चा की।

ऑडिटर जिम्मेदार बनकर बदलें लोगों का नजरिया

वर्कशाप के दौरान कंपनी एक्ट 2013 एवं स्टेटूटरी ऑडिट के विषय पर सीए अनिल

अग्रवाल ने विस्तार से जानकारी दी। इसके उपरांत सेंट्रल इंडिया रीजनल काउंसिल ऑफ आईसीएआई के अध्यक्ष सीए ज्ञान चंद मिश्रा ने कहा कि समाज में ऑडिटरों के प्रति आम लोगों का नजरिया बदला है। वे अपना बेस्ट दें ताकि ऑडिट का काम और बेहतर हो। इस अवसर पर सीए राजेश खेतान, सीए अमित भट्टाचार्य, सीए आशीष अग्रवाल और सीए मशेंद्र कुमार मशी समेत काफी संख्या में पटनाइट्स मौजूद थे।