ब्रेन-डेड घोषित कर दिया

जानकारी के मुताबिक कोच्िच में कल शुक्रवार सुबह तिरुअनंतपुर के श्री चित्रा तिरुनल इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में 46 साल के नीलकंद शर्मा को डॉक्टरों ने ब्रेन-डेड घोषित कर दिया। ऐसे में उनके परिवार ने उनका दिल दान करने का फैसला लिया। यह दिल दिल्ली कोच्चि के लिसी अस्पताल में भर्ती 47 साल के ऑटो ड्राइवर मैथ्यू अचदन के लगना तय हुआ, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा समस्या यह आ रही थी कि दिल को चार घंटे में कोच्िच कैसे पहुंचाया जाए। ऐसे में एर्नाकुलम के जिला कलेक्टर ने सुबह नेवी के पीआरओ फोन किया और उनसे चॉपर की मांगा। ऐसे में नेवी अधिकारियों ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें अधिकारियों ने चॉपर की बजाय डॉर्नियर विमान देने का फैसला लिया क्यों कि डॉर्नियर विमान 35 मिनट लगते और चॉपर को करीब 90 मिनट। इसके बाद तिरुअनंतपुरम के डॉक्टरों ने पांच घंटे के ऑपरेशन में शाम को 6.10 मिनट पर शर्मा का दिल निकालने में सफल हुए। जिसके बाद इस दिल को काफी संभालकर एयरफोर्स पहुंचाया गया। जहां पर 6.48 पर भारतीय नौसेना के डॉर्नियर विमान ने दिल के साथ उड़ान भर दी।

10 किमी का सफर तय

इसके बाद यह विमान 7.29 पर यह कोच्चि के एयरफोर्स बेस पर उतर गया। जिस मामले को लेकर इस शहर का प्रशासन भी पूरी तरह से तैयार था। यहां पर भी पूरी व्यवस्था कर ली गई थी। 150 से अधिक पुलिस वालों ने यहां पर रोड जाम की व्यवस्था को बिल्कुल संभाल रखा था, क्योंकि अस्पताल एयपोर्ट से करीब 10 किमी की दूरी पर था। ऐसे में अगर जाम में एंबुलेंस फंस गई तो सारी मेहतन पर पानी फिर जाएगा। इसके बाद यहां पर पहले से तैयार खड़ी 7.34 पर इसे लेकर ऐम्बुलेंस रवाना हो गई। ऐम्बुलेंस ने 8 मिनट 32 सेकंड्स में 10 किमी का सफर तय किया। जिसके बाद 8 बजे ट्रांसप्लांट ऑपरेशन चालू हो गया। ऐसे में पहली बार भारतीय नौसेना के डॉर्नियर विमान का नागरिक मेडिकल इमरजेंसी में मदद करने का मामला हुआ है। जिससे हसको लेकर पूरे देश में चर्चा हो रही है।

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