हालात

- पहली बार ऐसे चुनौतीपूर्ण अनुभव से जूझ रहे बैंक कर्मी

-कई घंटे की थकान के बावजूद काम में जुटे हैं बैंककर्मी

-सुबह से ही बैंक में जुट जाती है लोगों की भीड़

Meerut । देशभर में मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद बैंकों में देररात तक कतारे देखी जा रही हैं। हालत यह है कि बैंकों में नोट बदलने और जमा कराने के लिए लोग इस कदर बेताब हैं कि कई जगहों पर मारपीट तक की नौबत आ रही हैं.लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी भी तस्वीर है जहां बैंक अधिकारी सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं। सुबह से लेकर देरशाम तक बैंक कर्मचारी आम जनता के लिए मेहनत करने में जुटे हैं। शहर की बैंक शाखाओं में लोगों का हुजूम इस कदर है कि लोग परेशान हैं, दिक्कत में हैं तो वहीं बैंक कर्मचारी सरकार के इस फैसले को अमलीजामा पहनाने के लिए पूरी तरह से तत्पर दिखाई दे रहे हैं।

अधिकांश का पहला अनुभव

बैंकों में भीड़-भाड़ होने से बैंक कर्मचारियों की भी चुनौती बढ़ गई है। हालत यह है कि सुबह से लेकर शाम तक इतने लोगों की समस्याओं का समाधान करना भी बैंक कर्मचारियों के लिए पहला अनुभव है। कई बैंक कर्मचारियों का कहना है कि यह उनका पहला अनुभव है। इस तरह के साहसिक फैसले बहुत कम सरकार ही लें सकती हैं। अब बैंक कर्मचारियों की छुट्टियों भी रद्द हो गई है। उन्हें बस इस चुनौती को सफलतापूर्वक स्वीकार करना है। बैंक कर्मचारी सीमा बताती हैं कि उनका यह पहला अनुभव है इतनी भीड़ बैंक में कभी नहीं रही, हां त्यौहारों के समय भीड़ होती थी लेकिन अब वे भी सरकार के इस ऐतिहासिक फैसले के साक्षी बन गई हैं।

पहले जन-धन, अब नोटबंदी

केंद्र सरकार की पहले जनधन योजना के लिए भी बैंककर्मियों ने सबसे ज्यादा काम किया था। उन्होंने कैंप लगाकर गांव गलियों में लोगों के खाते खुलवाए थे। अब कालेधन पर सबसे बड़ी सर्जिकल स्ट्राइक पर भी बैककर्मी ही दिनरात काम कर रहे हैं। काम की थकान के साथ -साथ बैंककर्मी मुस्कान के साथ काम में जुटे हैं। पहली बार वे इस तरह के चुनौतीपूर्ण अनुभव से भी जूझ रहे हैं।

वर्जन

पहली बार बैंक की नौकरी के दौरान इस तरह का अनुभव मिला है.लेकिन सरकार ने कालेधन के खिलाफ साहसिक निर्णय लिया है। जिसकी तारीफ करनी चाहिए। रही बात परेशानी की। तो देशहित में कार्य करने को हमेशा तैयार हैं

नागेंद्र पांडेय

सरकार ने बड़ा साहसिक फैसला लिया है। बैंक में सुबह से ही भीड़ लगी रहती है। पहली बार इस तरह की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। सरकार के महत्वपूर्ण कदम में हम सब साथ हैं। इसके लिए कई घंटे काम भी करना पड़ रहा है।

सुनीता