5 महिलाओं का ग्रुप शनिवार को रवाना

20 महिलाएं हज मुकद्दस पर गई

4 महिला हज सेवक भी साथ भेजे गए

45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को सुविधा

- पांच ग्रुप में बीस महिलाएं शनिवार की फ्लाइट से हज के लिए रवाना

- हज सेवक के तौर पर चार महिलाओं को भी साथ भेजा गया

LUCKNOW : हज मुकद्दस के सफर पर पहली बार महिलाएं बिना मेहरम (जिसके साथ पर्दा न हो) के रवाना हुई। राजधानी से शनिवार दोपहर बारह बजे की फ्लाइट से पांच महिलाओं के ग्रुप हज यात्रा के लिए गए, जिसमें कुल 20 महिलाएं शामिल थीं। वहीं सऊदी अरब में हज के दौरान महिलाओं को कोई परेशानी न हो इसलिए चार महिला हज सेवक भी इनके साथ भेजे गए हैं।

नए नियमों से सहूलियत

इस बार नए नियम के तहत 45 वर्ष से ऊपर की महिलाओं को बिना महरम हज पर जाने की सहूलियत मिली है। हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इसके बाद बिना महरम हज पर जाने के लिए चार महिलाओं का समूह होने की शर्त रखी थी। सऊदी अरब सरकार की मंजूरी मिलने के बाद पहली बार हज सेवक के रूप में भी महिलाओं को भेजा गया। प्रदेश भर से 157 हज सेवकों में चार महिलाओं को भी हज सेवक बनाकर भेजा गया है। ये हैं सीतापुर की नूर अख्तर, लखनऊ की जमीला खातून व सुमैरा, बाराबंकी की कमाल फातिमा।

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हज यात्रा की अंतिम उड़ान आज

हज यात्रा की उड़ान का सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। हज के लिए राजधानी से अंतिम उड़ान संडे को 267 हज यात्रियों को लेकर रवाना होगी वहीं दूसरी उड़ान हज यात्रियों के न होने के कारण रद कर दी गई है। शनिवार को पहली उड़ान रात्रि 12 बजे 155 पुरुष और 145 महिलाओं को लेकर रवाना हुई। वहीं सुबह चार बजे की दूसरी फ्लाइट से 154 पुरुष और 146 महिलाएं हज पर गई। दोपहर बारह बजे की तीसरी फ्लाइट से 148 पुरुष व 151 महिलाएं रवाना हुई। शनिवार को अंतिम उड़ान शाम 7:30 बजे गई जिसमें 160 पुरुष और 140 महिलाएं शामिल थीं। इस बार लखनऊ के चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से 14356 हज यात्रियों ने सऊदी अरब के लिए उड़ान भरी।