-झील में गन्दे नाले का पानी मिलने से पहले भी हो चुकी है जू के जानवरों की मौत
-चीफ मिनिस्टर के प्रॉयोरिटी वाले वर्क्स में शामिल है चिडि़याघर-गुरुदेव पैलेस नाला
KANPUR चीफ मिनिस्टर की प्राथमिकता वाले डेवलपमेंट वर्क्स में भी केडीए ने जबरदस्त तरीके से लापरवाही बरती है। 3 साल में भी केडीए चिडि़याघर से गुरुदेव पैलेस तक 3 किलोमीटर लंबा नाला नहीं बना सका है। नाला न बनने से एक बार फिर चिडि़याघर में जीवों की मौत हो गई।
लोग भी हो चुके हैं बीमार
शारदा नगर, गुरुदेव पैलेस के आसपास, इनकम टैक्स मोहल्लों का गन्दा पानी पुराने नाले के जरिए चिडि़याघर की झील में जाता था, जिसकी वजह से चिडि़याघर के बेजुबान जानवर ही नहीं लोग भी जानलेवा बीमारियों की चपेट में आ चुके हैं। जू इम्प्लाइज के मुताबिक लॉयन विष्णु, लक्ष्मी के बीमार होने पर झील के पानी की जांच कराई गई तो लैप्टोस्पाइरा बैक्टीरिया पाए गए थे। इसी बैक्टीरिया की वजह से बाद में विष्णु और लक्ष्मी की मौत भी हो गई थी। जू के 45 इम्प्लाई भी इस बैक्टीरिया की चपेट में आकर बीमार हो चुके हैं।
हंगामे के बाद निर्माण
शेरों की मौत और लोगों की बीमारी की चपेट में आने की वजह से हंगामा खड़ा हो गया था। तब कहीं जाकर जीटी रोड गुरुदेव पैलेस से चिडि़याघर तक नाला बनना शुरू हुआ। कॉन्ट्रैक्टर के नाला बनाने में लेटलतीफी की वजह से केडीए ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया था। काम दूसरे कॉन्ट्रैक्टर के जरिए कराया जा रहा है। बावजूद इसके अभी तक नाला कम्प्लीट नहीं हो सका है।
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2200 मीटर नाला बन चुका है। नाले के बनाने में बहुत सी दिक्कतें आ रही हैं। मार्केट, केस्को की अंडरग्राउंड केबल, आदि समस्याओं की वजह से पॉलीटेक्निक के अन्दर से नाला बनाने की परमीशन मांगी गई है।
-मनोज मिश्रा, एक्सईएन केडीए
प्रोजेक्ट- गुरुदेव पैलेस से चिडि़याघर तक आरसीसी नाला
लंबाई- 3 किलोमीटर
चौड़ाई- 1.5 मीटर
प्रोजेक्ट कॉस्ट (पहले)- 263.56 लाख
काम शुरू होने की डेट- 8 सितंबर 2014
कम्प्लीशन टारगेट- 7 दिसंबर,2014
नाले की चेंज हुई ड्रॉइंग
गहराई (अब)- 1800 मीटर तक 2 मीटर
गहराई (अब)- 1200 मीटर तक 2.7 मीटर
दुबारा शुरू हुआ काम- 27 जून, 2015
प्रोजेक्ट कॉस्ट- 302.92 करोड़
कम्प्लीशन टारगेट- 26 दिसंबर,2015
बढ़ाई गई डेडलाइन- 30 जून, 2016
कॉन्ट्रैक्टर- मे। अभिषेक इंटरप्राइजेज
प्रोग्रेस रिपोर्ट- आधा-अधूरा