8 से 10 गाडि़यों की फाइल आरटीओ में फर्जी इंश्योरेंस पर हो रही पास

पुराने इंश्योरेंस पर ही एडिट कर अपडेट की जा रही आगे की तारीख

आरआई ने शिकायत पर शुरू की गोपनीय जांच

Meerut। आरटीओ कार्यालय में गाडि़यों के इंश्योरेंस के नाम पर जमकर खेल किया जा रहा है। फिटनेस से लेकर सेल-पर्चेज के लिए विभाग में आने वाली गाडि़यों के लिए कम पैसे में फर्जी बीमा तैयार कर गाडि़यों की फिटनेस की जा रही है। इतना ही नहीं वाहन बेचने के लिए भी इन फर्जी बीमा पेपर का प्रयोग किया जा रहा है। इस खेल में खुद विभाग की कुर्सियों पर बैठे बाबू ही लिप्त हैं। जो रोजाना 8 से 10 गाडि़यों की फाइल फर्जी इंश्योरेंस पर पास कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।

बारीकी से कर रहे जांच

आरआई चंपालाल निगम ने बताया कि वाहन स्वामी को वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए या फिर अपना वाहन खरीदने-बेचने के लिए इंश्योरेंस सर्टिफिकेट देना होता है। ऐसे में लोग कम रूपयों में फर्जी बीमा कराने को तैयार हो जाते हैं। यह सब काम विभाग के बाहर हो रहा है। हम सभी पेपर्स की बारीकी से जांच के बाद फाइल स्वीकृत कर रहे हैं।

एक्सपायर्ड बीमे का प्रयोग

गत माह जुर्रानपुर निवासी एक आवेदक अपने कमर्शियल वाहन की फिटनेस के लिए आरटीओ कार्यालय पहुंचा था। उसका बीमा एक्सपायर होने के कारण फाइल रोक दी गई। आवेदक ने बताया कि उसने कार्यालय के बाहर एक एजेंट से वाहन का दो माह पहले ही इंश्योरेंस कराया था। मगर जब इंश्योरेंस पेपर की जांच की गई तो इंश्योरेंस का कोई रिकार्ड नहीं मिला। आवेदक ने शिकायत करते हुए बताया कि एजेंट ने उसको बीमे के साथ फिटनेस कराने का ऑफर भी दिया था लेकिन उसने मना कर केवल इंश्योरेंस करा लिया।

फिटनेस और ट्रांसफर में फर्जीवाड़ा

मामले की शिकायत होने पर वाहनों की पुरानी फाइलों की जांच की जा रही है। सूत्रों की मानें तो जांच में कई वाहन के इंश्योरेंस पेपर एक्सपायर मिले हैं। फर्जी वाहन बीमा के अधिकांश मामले वाहनों के फिटनेस या ट्रांसफर से जुड़े हैं। इन मामलों में विभाग में कार्यरत एक बाबू की एजेंट्स से मिलीभगत सामने आ रही है। इसलिए मामले में गोपनीय तरीके से जांच की जा रही है।

20 हजार का बीमा 2 हजार में

बड़े कमर्शियल वाहनों के इंश्योरेंस की फीस 20 हजार रुपये तक होती है लेकिन आरटीओ कार्यालय में मात्र दो हजार रुपये में फर्जी इंश्योरेंस दिया जा रहा है। इतना ही नहीं इस इंश्योरेंस के साथ फिटनेस की फाइल को बाबू से पास कराने तक की जिम्मेदारी दलाल की होती है। इस खेल में विभागीय बाबू भी जांच के दायरे में है।

असली की कॉपी से बनाते हैं नकली

आरटीओ के बाहर बैठे दलाल बीमा कराने का काम भी करते हैं। एजेंट दोपहिया से लेकर चौपहिया व छोटे-बड़े व्यावसायिक आदि वाहनों के एक्सपायर बीमे की कॉपी अपने पास सेव करके रख लेते हैं। इसके बाद फर्जीवाड़े के लिए फोटोशॉप के माध्यम से वाहन नंबर, डेट आदि को बदलकर फर्जी इंश्योरेंस की कॉपी तैयार की जाती है। आरटीओ कार्यालय में इसी फर्जी इंश्योरेंस से गाड़ी की फिटनेस और ट्रांसफर आदि किया जा रहा है।