रांची: धुर्तता करना एक शख्स के लिए इतना भारी पड़ा कि अब बंधु अपना माथा ही पीट रहे हैं. सालों से गैरेज में खराब पड़ी दूसरे की गाड़ी का नंबर अपने ई-रिक्शे पर लिखवाकर चलाना उसके लिए बड़ी मुसीबत का कारण बन गया. इसका यह कारनामा असली मालिक के लिए भी जी का जंजाल बन गया. करे कोई और भरे कोई वाली कहावत का खामियाजा अपने मत्थे आने पर मेन मालिक के होश ही उड़ गए. फरेब करने वाले चालक को यातायात नियम टूटने का भी भय नहीं रहा. ई रिक्शा चलाने के दौरान कई बार ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के जुर्म में 7700 सौ का चालान उस तक न पहुंच असली मालिक के गले पड़ गया. इस फर्जीवाड़े के बाद पीडि़त मालिक ने नकली नंबर लगाकर शहर में दौड़ रहे ई-रिक्शा को खोज निकाला और उसके खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया. असली मालिक निकला तबरेज

असली ई-रिक्शा के मालिक तबरेज अंसारी हैं. वे बरियातू के सतार कॉलोनी, अजहर लेन के निवासी हैं. उन्होंने फर्जी नंबर पर चल रहे ई-रिक्शा को साथियों की मदद से पकड़कर पुलिस के हवाले किया. फर्जी नंबर लगाकर ई-रिक्शा चला रहे चालक का नाम अशरफ अंसारी है. उसे भी पकड़ लिया गया है. उसने बताया कि उक्त ई-रिक्शा किसी मिश्रा का है, जिसे वह किराए पर चलाता था.

एफआईआर में दी जानकारी

कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में तबरेज ने बताया कि वह अपना ई-रिक्शा जेएच-01सीए-4712 खुद चलाता था. सितंबर 2016 में उसकी गाड़ी खराब हो गई तो उसे लोवाडीह के पूर्वा उद्योग वर्कशॉप में खड़ा कर दिया. यह ई-रिक्शा बैंक से ऋण पर लिया गया था, इसलिए बैंक ने वर्कशॉप को भी कह दिया था कि जब तक बैंक का आदेश नहीं होगा, तब तक गाड़ी मालिक को गाड़ी नहीं दी जाएगी. जब विभिन्न डेट में ट्रैफिक रूल्स तोड़ने संबंधित स्पीड पोस्ट तबरेज के घर पहुंचा तो वे हैरान रह गए. भागे-भागे लोवाडीह स्थित गैरेज पहुंचे तो वहां उनकी ई-रिक्शा धूल फांकती दिखी.

गैरेज संचालक ने बताया कि उनका ई-रिक्शा खराब हालत में ही अब तक पड़ा है. इसके बाद वे नकली नंबर लगाकर चलने वाले ई-रिक्शा का पता लगाने में जुट गए. इस दौरान उन्होंने पुरानी रांची शिवगंज निवासी अशरफ अंसारी को उसी नंबर पर ई-रिक्शा चलाते हुए देखा तो उसे पकड़ लिया जिसके बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ.

दूसरे नंबर पर खूब चल रहे वाहन

कुछ दिन पूर्व ही हटिया के एक मोपेड के नंबर पर ई-रिक्शा चलाने का मामला सामने आया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब मोपेड संचालक के घर ई-रिक्शा का चालान पहुंचा. इसकी शिकायत ट्रैफिक पुलिस से की गई है. ऐसे कई मामले अब इसलिए खुल रहे हैं कि सिग्नल तोड़ने के मामले में चालान सीधे घर पहुंच रहे हैं.