1. कैश ट्रांजैक्शन :
कोई भी बैंक अपने कस्टमर को अनलिमिटेड कैश ट्रांजैक्शन की छूट नहीं देता है। यानी कि महीने में आप कितनी बार कैश निकालेंगे इसकी एक तय सीमा होती है। देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई में कस्टमर महीने में सिर्फ तीन ट्रांजैक्शन कर सकता है। इससे ज्यादा करने पर प्रति ट्रांजैक्शन 50 रुपये चार्ज पड़ता है। साल के आखिर में से सभी चार्ज आपके एकाउंट से काट लिए जाते हैं।
2. नॉन-मेंटिनेंस चार्ज :
किसी भी बैंक एकाउंट में एक न्यूनतम बैलेंस की निश्चित सीमा होती है। यानी कि कोई भी ग्राहक उस न्यूनतम बैलेंस से कम पैसे एकाउंट में रखता है तो बैंक उसका चार्ज वसूल लेती है। इसे नॉन मेंटिनेंस चार्ज कहते हैं। प्रत्येक बैंक के लिए यह न्यूनतम बैलेंस सीमा अलग-अलग होती है। जैसे एचडीएफसी बैंक में किसी भी ग्राहक को अपने एकाउंट में कम से कम 10,000 रुपये बैलेंस रखना पड़ता है। अगर यह 2,500 के नीचे जाता है तो 600 रुपये चार्ज लग जाता है। वहीं 7,500 से 10,000 के बीच बैलेंस रहने पर 150 रुपये पेनाल्टी लगती है। इसके अलावा एसबीआई में न्यूनतम बैलेंस की सीमा 5,000 है, अगर आपका बैलेंस इसके आधे तक पहुंचता है तो 50 परसेंट चार्ज लगता है।
3. नॉन होम ब्रांच ट्रांजैक्शन :
अपनी बैंक से ट्रांजैक्शन करना काफी आसान होता है। लेकिन अगर दूसरी बैंक से ट्रांजैक्शन करते हैं तो इसका अतिरिक्त चार्ज लगता है। जैसे कि एचडीएफसी बैंक अपनी होम ब्रांच में 2 लाख से ज्यादा के ट्रांजैक्शन पर प्रति 1000 रुपये पर 5 रुपये चार्ज वसूलता है। वहीं नॉन होम ब्रांच पर लिमिट सिर्फ 25,000 की है। इससे ऊपर ट्रांजैक्शन करने पर प्रति 1000 रुपये पर 5 रुपये चार्ज लगेगा।
4. एटीएम ट्रांजैक्शन :
एटीएम से भी आप जितना मर्जी चाहे, उतना ट्रांजैक्शन नहीं कर सकते। आरबीआई की गाइडलाइन के मुताबिक, एटीएम से महीने में सिर्फ पांच बार ही फ्री ट्रांजैक्शन होता है। इससे ज्यादा करने पर प्रति ट्रांजैक्शन 20 रुपये कटता है।
5. इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन :
अगर आप विदेश में अपने क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करते हैं। तो उसका 3-4 परसेंट एक्चेंज रेट के रूप में कट जाता है।
Business News inextlive from Business News Desk
Business News inextlive from Business News Desk