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- चिलुआताल पुलिस ने पांच बदमाशों को किया अरेस्ट, लूट की बाइक, 2 तमंचे और कारतूस बरामद
- 10 दिन पहले ही सरगना को तिवारीपुर पुलिस ने पकड़ा था लेकिन निर्दोष बताते हुए छोड़ दिया
- बेलीपुर पुलिस ने भी पकड़ा था लेकिन चकमा देकर निकल गया शातिर, तीसरी बार चढ़ा चिलुआताल पुलिस के हत्थे
GORAKHOPUR: एक शातिर दो-दो बार अलग-अलग थानों की पुलिस के हत्थे चढ़ा। एक थाने की पुलिस को चकमा देकर निकल गया तो दूसरे थाने की पुलिस ने उसे निर्दोष बताते हुए छोड़ दिया। तीसरे थाने की पुलिस ने सोमवार को उसके दो साथियों संग लूट की बाइक, दो तमंचे और कारतूस के साथ अरेस्ट किया। पूछताछ के आधार पर पुलिस ने दो और को अरेस्ट किया। हैरान कर देने वाली बात यह है कि इतनी बार पुलिस के हाथ लगने के बाद भी शातिर पर कोई केस नहीं है। पुलिस के रिकॉर्ड में वह पाक साफ है। यूं तो सोमवार को इन अपराधियों को अरेस्ट कर पुलिस ने अपनी पीठ थपथपाई है लेकिन पूरा मामला सामने आने के बाद पुलिस पर सवाल भी उठ रहे हैं।
पकड़े गए पांच बदमाश
मंगलवार की दोपहर में पुलिस लाइन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में एसएसपी रामलाल वर्मा ने बदमाशों की गिरफ्तारी की जानकारी दी। बताया कि चिलुआताल पुलिस ने सोमवार को बाइक लूटने, फर्जी कागजात तैयार कर बेचने वाले कुल पांच बदमाशों को अरेस्ट किया। उनके पास से लूट की बाइक, दो तमंचे और कारतूस बरामद हुए हैं। एसएसपी ने यह भी कहा कि इन बदमाशों का कोई पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं मिला है। सरगना को 10 दिन पहले तिवारीपुर थाना से पुलिस ने छोड़ दिया था।
चार माह पूर्व हुई थी लूट
चार माह पूर्व तीन अक्टूबर 2016 को पीपीगंज निवासी प्रिंस यादव किसी काम से गोरखपुर आए थे। रात में करीब आठ बजे वह अकेले घर लौट रहे थे। चिलुआताल एरिया के मानीराम गांव से आगे बढ़े तभी चार बदमाशों ने रोक लिया। तमंचे के बल पर बाइक लूटकर फरार हो गए। प्रिंस की सूचना पर अज्ञात बदमाशों के खिलाफ केस दर्ज करके पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई थी।
चेकिंग में पकड़े गए
सोमवार की दोपहर करीब सवा तीन बजे डोहरिया बाजार में चिलुआताल थाने की पुलिस चेकिंग कर रही थी तभी बाइक सवार तीन युवकों को रोका। तलाशी लेने पर उनके पास से तमंचा बरामद हुआ तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों की पहचान बेलीपार एरिया के ककराखोर निवासी रतन यादव, चिलुआताल एरिया के महला गांव के बाला साहनी और इसी गांव के सुचित के रूप में हुई। तीनों ने पुलिस को बताया कि कुशहरा निवासी पम्पू यादव के साथ मिलकर चारों ने मानीराम में बाइक लूटी थी। तिवारीपुर, निजामपुर में रहने वाले कृष्ण कुमार दुबे और घुनघुन कोठा निवासी यशवंत यादव से बाइक का फर्जी कागज तैयार कराया। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने इन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया।
25 हजार में बेच दी बाइक
कागज बनने पर रतन ने अपने मामा तिवारीपुर के डोमिनगढ़ गांव में रहने वाले समरजीत यादव को बाइक बेच दी। इसके बदले उन लोगों को 25 हजार रुपए मिले थे। पूछताछ में सामने आया कि शातिर रतन यादव को पहले भी पुलिस दो बार पकड़ चुकी है। पहले वह बेलीपार थाना से पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था। थाना के रिकॉर्ड में कोई लिखापढ़ी न होने से पुलिस उसे भूल गई। यही नहीं, 10 दिन पहले तिवारीपुर पुलिस ने उसे अरेस्ट किया था लेकिन मेहरबानी दिखाते हुए उसे थाने से छोड़ दिया गया। प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान मौजूद रतन ने बताया कि उसके परिवार के कुछ सदस्य हत्या के एक मामले में जेल में हैं।
वर्जन
पकड़े गए बदमाशों के खिलाफ पहले से कोई मुकदमा नहीं दर्ज है। इसकी जांच-पड़ताल कराई जा रही है।
रामलाल वर्मा, एसएसपी