-खरखौदा में देर रात्रि बारिश और ओलावृष्टि के बाद मकान ढहा

-मृतकों में परिवार के मुखिया और तीन मासूम भी शामिल

-देर से जुटा पुलिस-प्रशासनिक अमला, लोगों में आक्रोश

-दिल्ली से नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स मौके पर पहुंची

-अन्य कई परिजन भी घायल, क्षेत्र में मचा हाहाकार

Meerut: भीषण ओलावृष्टि और बारिश के बाद शनिवार रात्रि करीब साढ़े तीन बजे खरखौदा में मकान ढहने से एक ही परिवार के पांच लागों की मौत को गई। गर्भवती महिला, परिवार के मुखिया समेत तीन मासूम बच्चे भी मृतकों में शामिल हैं। दो मंजिला मकान में हादसे के दौरान संयुक्त परिवार के करीब दो दर्जन लोग गहरी नींद में सो रहे थे। जानकारी पर पुलिस-प्रशासनिक अमला घटनास्थल पर पहुंचा तो दिल्ली से नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स ने भी मौके पर स्थिति का जायजा लिया है। देर शाम पोस्टमार्टम के बाद शवों का गांव में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया।

मुखिया समेत पांच मरे

मेरठ-हापुड़ हाइवे पर खरखौदा थाना क्षेत्र के गांव कूड़ी में शनिवार रात्रि हृदयविदारक हादसा हुआ। करीब साढ़े तीन बजे तेज बारिश के बाद गांव के विजयपाल पुत्र खचेडू का दो मंजिला मकान ढह गया। हादसे के दौरान विजयपाल के पांच बेटों समेत उनका परिवार गहरी नींद में सो रहा था। मकान ढहने के बाद गांव में अफरा-तरफी मच गई और डेढ़ घंटे कड़ी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने जेसीबी की सहायता से मलवे को हटाया। मलवे के नीचे से मुखिया विजयपाल (55), उसके पुत्र नरेंद्र की पत्नी सुमन (22), नरेंद्र के पुत्र दुर्जन (5), मयंक (4), बेटी खुशी (3) के शव ग्रामीणों को मिले जबकि नरेंद्र गंभीर जख्मी था। दो मंजिला मकान की ऊपरी मंजिल पर नरेंद्र अपने परिवार के साथ सो रहा था तो पिता विजयपाल बरामदे में सो रहे थे।

बच गया आशू

घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मृतक विजयपाल के सबसे बड़े पुत्र प्रमोद ने बताया कि परिवार के लोग रात्रि करीब नौ बजे खा-पीकर सो गए। पिता विजयपाल घर में बरामदे में चारपाई पर सो रहे थे, उनके साथ प्रमोद का चार वर्षीय बेटा आशू भी था। नरेंद्र अपनी पत्नी सुमन और बच्चों के साथ ऊपरी मंजिल पर सो रहे थे। अचानक मकान की ऊपरी मंजिल भरभराकर गिरी जो अपने साथ ग्राउंड के कमरों और बरामदे को ध्वस्त कर गई। जिस समय हादसा हुआ उस समय घर में विजयपाल का बड़ा बेटा प्रमोद अपनी पत्‍‌नी भागरेश और पांच बच्चों के साथ था जबकि उससे छोटा पप्पू पत्‍‌नी मंजू और बच्चों के साथ था। नरेंद्र परिवार के साथ ऊपरी मंजिल पर था जबकि दो अन्य बेटे जयकरन, प्रिंस और रिश्तेदार देवीशरण भी घर के एक हिस्से में सो रहे थे। परिजनों को चोटें आई हैं। दो गाय, एक बैल, तीन बकरी भी हादसे में दबकर मर गई।

एनडीआरएफ पहुंची

मेरठ में बड़ी बड़े हादसे की जानकारी पर नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स ने घटनास्थल की ओर कूच कर दिया। टीम ने घटनास्थल का जायजा लिया। इससे पूर्व एसएसपी दिनेश चंद्र दूबे के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिसबल मौके पर पहुंच गया। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रित करते हुए शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवाया। पोस्टमार्टम के बाद देर शाम कूड़ी गांव में गमगीन माहौल के बीच सभी मृतकों का अंतिम संस्कार कर दिया गया तो वहीं गंभीर नरेंद्र का इलाज मेडिकल कॉलेज में हो रहा है।

सीएम ने ली घटना की जानकारी

मेरठ में बड़ी घटना की जानकारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने क्षेत्रीय विधायक और कबीना मंत्री शाहिद मंजूर से ली। मंजूर ने बताया कि पीडि़तों को प्राकृतिक आपदा राहत कोष से प्रति मृत्यु चार लाख रुपये, मकान की मरम्मत के लिए 95 हजार रुपये, किसान दुर्घटना बीमा, इलाज के लिए करीब 12 हजार रुपये दिलवाए जा रहे हैं। सीएम से बात करके पीडि़त परिवार के आंसू पोंछने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आर्थिक मदद का प्रयास सरकार करेगी।

मेटाडोर से ले गए शव

घटना की सूचना के बाद भी समाजवादी एंबुलेंस और राहत टीम के न पहुंचने से ग्रामीणों की मदद से परिजनों ने घायल नरेंद्र को मेडिकल कॉलेज में प्रात: साढ़े छह बजे भर्ती कराया तो वहीं औपचारिकता पूरी करने के बाद मेटाडोर से शवों को मोर्चरी तक लाया गया। राहत और बचाव के दौरान पुलिस व जिलाप्रशानिक अधिकारी नहीं पहुंचे तो गुस्साए ग्रामीण शवों को लेकर गांव पहुंच गये। एडीएमई दिनेश कुमार ने स्थिति को नियंत्रित किया। डीएम पंकज यादव, एसपी देहात डॉ प्रवीन रंजन, एसडीएम दिव्यामित्तल, सीओ रितेश सिंह, तहसीलदार रमेशचंद, फायर आफिसर आईएस सोनी आदि समेत बड़ी संख्या में पुलिसबल मौके पर मौजूद था।