मथुरा:  इस बारे में कौन नहीं जानता बचपन में कान्हा कहे जाने वाले भगवान कृष्ण के अवतार के बारे में प्रसिद्ध है कि वो द्वापर में मथुरा में अपने मामा कंस के कारागार में अवतरित हुए थे। मथुरा, भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में है। कृष्ण के जन्म देने वाले माता पिता देवकी और उग्रसेन थे जो कृष्ण की रक्षा के लिए उन्हें गोकुल में नंद और यशोदा को सौंप आए थे।

गोकुल: जब उग्रसेन कृष्ण को गोकुल छोड़ आए तो उनका शैशव यहीं से शुरू हुआ। उनका पालन पोषण गोकुल में ही हुआ। मथुरा से कुछ ही दूर उत्तर प्रदेश में ही गोकुल नाम का छोटा सा गांव है। इस स्थान का ये नाम भी शायद इसीलिए पड़ा है क्योंकि यहां यादवो के गाय चराने वाले कुल रहते थे। 

Vrindavan Dham

वृंदावन: कृष्ण कुछ ही बड़े हुए थे की नंद अपने परिवार और साथियों के छोटे से दल के साथ, जो उन्हें अपना मुखिया मानते थे, गोकुल से कुछ दूर वृंदावन आ गए। यहीं पर कृष्ण ने अपनी कई प्रसिद्ध बाल लीलायें कीं और एक ऊंगली पर गोवर्धन पर्वत उठाने का चमत्कार भी उन्होंने वृंदावन में ही दिखाया था।

द्वारका: समुद्र किनारे बनी द्वारका नगरी की स्थपना खुद कृष्ण ने ही की थी ताकि यादव वंश को जरासंध के हाथों नष्ट होने से बचाया जा सके। हालाकि वास्तविक द्वारका के बारे में तो कहा जाता है कि वो यादवों के विनाश के बाद समुद्र में डूब गयी थी पर बहरहाल इस द्वारका को भी कृष्ण का परम स्थान माना जाता है। देव भूमि द्वारका के नाम से प्रसिद्ध ये स्थान गुजरात राज्य में आता है।  

कुरुक्षेत्र: बिना इस स्थान के नाम का जिक्र किए कृष्ण की कथा पूरी नहीं हो सकती। हरियाणा में स्थित ये स्थान महाभारत के महायुद्ध का गवाह है और यहीं कृष्ण ने पाण्डव अर्जुन को गीता का महा ज्ञान दिया था।

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