RANCHI : डोरंडा थाना पुलिस ने झारखंड समेत अन्य प्रदेशों में पदस्थापित आईपीएस को गैरमजरूआ जमीन बेचने और 50 लाख रुपए ठगी के आरोपी हरिलाल पटेल को हिनू के शुक्ला कॉलोनी से अरेस्ट कर लिया। डोरंडा थाने में पदस्थापित जमादार उपेंद्र सिंह सह इस केस के अनुसंधानकर्ता ने मंगलवार को छापेमारी कर हरिलाल पटेल को गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में प्रस्तुत कर जेल भेज दिया गया।

21 अप्रैल को दर्ज हुई थी एफआईआर

पांचों आईपीएस ने 21 अप्रैल, 2014 को डोरंडा थाने में हरिलाल पटेल के विरूद्ध जालसाजी करने और पैसे हड़पने का केस दर्ज किया था। केस दर्ज होने के बाद हरिलाल पटेल कोलकाता, मुंबई, बंगलोर इलाज के लिए गया था। पुलिस प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी उसके घर पर छापेमारी की थी, लेकिन वह नहीं मिला था। मगलवार को उपेंद्र सिंह को सूचना मिली कि आरोपी अपने घर पर है। सूचना के आधार पर वे पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे और उसे अरेस्ट कर लिया।

इन आईपीएस से की थी ठगी

जिनसे ठगी की गई है उनमें पलामू एएसपी कन्हैया सिंह, गुमला एएसपी पवन कुमार सिंह, सीआरपीएफ कमांडेंट शंकर कुमार, तरुण कुमार झा व विकास सिंह शामिल हैं।

ऐसे हुआ ठगी का खुलासा

हरिलाल पटेल ने इनलोगों को जमीन दी थी। इनलोगों से पांच लाख, नौ लाख, दस लाख और 11 लाख समेत कई से लाखों रुपए लिए थे। जब सभी दाखिल खारिज के लिए अंचल कार्यालय गए तो उन्हें बताया गया कि उक्त जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो सकती है, क्योंकि जमीन गैरमजरूआ है।

अरेस्टिंग पर हुआ था बवाल

सोमवार की देर रात बिल्डर की अरेस्टिंग को लेकर हुए डोरंडा थाना में हुए बवाल के बाद मंगलवार की सुबह एएसआई उपेंद्र सिंह ने तेजस्वनी स्टेट प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हरिलाल पटेल को अरेस्ट कर लिया है। वह हिनू के शुक्ला कॉलोनी का रहनेवाला है। पटेल पर 21 अप्रैल को ही लोगों के साथ फ्लैट देने के नाम राशि लेने के आरोप से संबंधित केस दर्ज कराए गए थे। बिल्डर की अरेस्टिंग को लेकर डोरंडा इंस्पेक्टर सुबोध श्रीवास्तव व उपेंद्र प्रसाद सिंह के बीच बकझक हुई थी। थाने में पदाधिकारियों द्वारा अशोभनीय बर्ताव करने के मामले में हटिया डीएसपी निशा मुर्मू को जांच कर प्रतिवेदन सौंपने के लिए कहा गया है।