- स्वाइन फ्लू से मौत के बाद घर के चार और सदस्यों के सैंपल स्वास्थ्य विभाग ने जांच के लिए भेजे

-रीजेंसी से एक बच्चे का सैंपल भेजा, डेंगू के भी 4 नए रोगी मिलने से कुल मरीजों की संख्या 22 हुई

KANPUR: स्वाइन फ्लू से अधेड़ की मौत के बाद उसके परिवार पर भी इसका काला साया आ गया है। सैटरडे को स्वास्थ्य विभाग ने सिविल लाइंस में रहने वाले अधेड़ के परिवार के ब् सदस्यों के सैंपल जांच के लिए एसजीपीजीआई भिजवाए हैं। इसके अलावा रीजेंसी में भर्ती एक साल के बच्चे का भी सैंपल स्वाइन फ्लू की जांच के लिए लखनऊ भिजवाया है। इसके अलावा डेंगू के भी चार नए मरीज मिलने से स्वास्थ्य विभाग की मुश्किलें बढ़ गईं।

एक परिवार के ब् संदिग्ध मरीज

दो दिन पहले गुरूतेग बहादुर हॉस्पिटल में भर्ती सिविल लाइंस निवासी भ्भ् वर्षीय शख्स की स्वाइन फ्लू से मौत हो गई थी। सैटरडे को स्वास्थ्य विभाग की टीम उनके घर पहुंची। घर में कई लोगों की तबियत खराब होने पर परिवार के ब् सदस्यों के सैंपल स्वाइन फ्लू की जांच के लिए कलेक्ट किए। इनमें एक महिला भी शामिल है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सभी को टेमी फ्लू की खुराक भी दी है। साथ ही लोगों के संपर्क में आने से सावधानी बरतने को कहा है।

ब् मरीजों में डेंगू की पुष्टि

स्वाइन फ्लू के अलावा डेंगू का प्रकोप सिटी में ज्यादा तेजी से बढ़ा है। हफ्ते भर में ही डेंगू के क्9 नए मरीज मिले हैं। जिसके बाद डेंगू के कुल पॉजीटिव मरीजों की संख्या ख्ख् हो गई है। शनिवार को मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी लैब से आई रिपोर्ट में ब् और मरीजों को डेंगू की पुष्टि हुई है।

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सरकारी प्रयासों की खुली पाेल

कानपुर। डेंगू, स्वाइन फ्लू और दूसरी मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने से सरकारी तैयारियों की पोल दिन पर दिन खुलती जा रही है। कानपुर कॉलिंग में इन बीमारियों को लेकर किए जा रहे सरकारी प्रयासों पर लोगों ने अपनी राय दी। उनमें से कुछ चुनिंदा हम पब्लिश कर रहे हैं।

आई कनेक्ट लगा लें

हॉस्पिटल्स में स्वाइन फ्लू, मलेरिया और डेंगू के पेशेंट्स के लिए अलग से ओपीडी होनी चाहिए। जिससे इंफेक्शन का खतरा कम रहता है। हॉस्पिटल्स प्रशासन को इस बात को प्रॉपर समझना होगा।

- राकेश सिंह, किदवई नगर

मुझको लगता है कि अगर अस्पताल प्रशासन एक्टिव हो जाए तो काफी हद तक इंफेक्शन को रोका जा सकता है। लेकिन हॉस्पिटल्स में इंफेक्शन की रोकथाम के लिए कुछ नहीं होता है।

- विकास जायसवाल, सिविल लाइंस

सरकारी हॉस्पिटल्स में स्वाइन फ्लू, डेंगू के वॉर्ड के नाम पर मजाक किया जाता है। मुझको लगता है कि अगर इसको सीरियसली लिया जाए तो काफी हद तक स्थिति सुधर सकती है।

- रश्मि मेहरोत्रा, यशोदा नगर

कब तक सरकारी अस्पतालों में पेशेंट्स की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता रहेगा। अगर सरकार पूरे प्रयास कर रही है स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए तो अधिकारियों को भी पूरा प्रयास करना होगा।

- विनय मोहन, रावतपुर