इन्हें रोका नहीं जा सकता?
फेसबुक पर एकाउंट बनाने की उम्र 13 साल है, लेकिन फेसबुक का चस्का अब 8 से 10 साल के बच्चों को भी लग चुका है। बिना फोटो और अपनी ऐज को बढ़ाकर कॉलम को भर कर बच्चे तैयार कर रहे हैं अपना फेसबुक एकाउंट। एक्सपर्ट की मानें तो शहर में करीब 50 हजार यूजर्स हैं जिनकी उम्र 13 साल से कम है लेकिन उन्हें रोका नहीं जा सकता। हालांकि कुछ पैरेंट्स खद अपने बच्चों के एकांउट बना रहे हैं तो वहीं कुछ अपने बच्चों के एफबी एकाउंट से अंजान भी हैं।
कहानियों की उम्र में
चैट पर आओ न मासीमुझे बात करनी है। मेरे क्लास में मेरी फ्रेंड है, मैं तो उससे चैट करता हूं नानी दादी के पास बैठ कर कहानी सुनने की उम्र में आज कल के बच्चे चैटिंग की बातें करते हैं। बच्चे एकाउंट के मामले में कई बार बड़ों से भी आगे हैं। क्योंकि उनकी उम्र के हिसाब से समझ तो कम होती ही है सो कई बार वो पासवर्ड भूल जाते हैं। लेकिन दूसरा एकाउंट बनाने में वो जरा भी देरी नहीं करते। वैरीफिकेशन के लिए घर के किसी बड़े का मोबाइल नम्बर की जरूरत पड़ती है जिसे बच्चे आसानी से दे देते हैं।
क्या आप जानते हैं?
सबसे अहम मुद्दा यह है कि इतनी कम उम्र में बनने वाले एकाउंट के बारे में क्या पैरेंट्स जानते हैं? कई बार फेसबुक पर कई ऐसे चीजें भी आती हैं जो बच्चों के लिए नहीं होती। कई बार वायरस के चलते पोर्न साइट तक इसपर आ जाती है ऐसे में यह एकाउंट बच्चों के लिए कितना सेफ हैं? आज के भागदौड़ वाली जिन्दगी में बच्चों को देने के लिए मां बाप के पास ऐसे में क्या एकाउंट पर नजर रख सकते हैं कि उनके बच्चे आखिर क्या कर रहे हैं?
क्या कहते हैं पेरेंट्स
हाउसवाइफ फरजाना कहती हैं कि मेरी बेटी का एकाउंट है मुझे पता है, लेकिन मैं उसके एकाउंट को कई बार चेक भी करती हूं। उसके फ्रेंड भी उसी के ऐज के हैं सो किसी का फोटा तो नहीं नजर आता, लेकिन मैं चैट वगैरा चेक करती हूं। बिजनेज वुमेन हिमानी शर्मा का कहना है कि कई महीनों तक मुझे पता नहीं था कि मेरा बेटा एफबी यूजर है। मुझे मेरी फ्रेंड ने बताया कि तुम्हारा बेटा एफबी पर है और कई बार उसने मुझसे बात भी की। तबसे मैं उसके एकाउंट को चेक करती हूं। नजीबा खातून कहती हैं कि वह नहीं जानती कि उनका 7 में पढऩे वाले बेटे का एफबी एकाउंट भी होगा। हालांकि कई बार वो अपने फ्रेंड्स से एफबी की बात करता है, लेकिन मैं जानती नहीं कि वो यूज करता है।
क्या कहते हैं साइबर एक्सपर्ट
सचिन गुप्ता ने बताया कि लोरेटो कांवेंट, लामर्टिनयर गल्र्स, स्टडी हॉल साइबर अवेयरनेस का प्रोग्राम हुआ था जिसमें एकाउंट सेक्यूरिटी और प्राइवेसी सेंटिंग के बारे में वर्कशॉप हुई थी। क्या करें और क्या न करें। 5 क्लास के बच्चे भी आए थे और ज्यादातर बच्चों के एकाउंट थे। ऑल ओवर इंडिया में 15 से 20 लाख यूजर्स 13 साल की उम्र से कम होंगे तो लखनऊ में इनकी संख्या 50 हजार है। लेकिन इसे रोकने का कोई तरीका नहीं है।
यह है रियेल्टी
-एक बच्चे के तीन से चार एकांउट भी होते हैं। इसकी वजह यही है कि वो एक बार एकाउंट बनाते हैं पासवर्ड भूल गये और उसके बाद वो दोबारा बना लेते हैं.
-कम उम्र के बच्चे के पास मोबाइल होते नहीं है सो फेमिली मेम्बर्स के नम्बर को यूज करके एकाउंट बनाते हैं
-कई बार फैमिली मेम्बर्स के मोबाइल नम्बर्स का मिस यूज भी हो सकता है.
-नहीं रोका जा सकता इन्हें क्योंकि कोई पकड़ नहीं होती, बस एक गलत डेट पर क्लिक और बन गया एकाउंट
बच्चों का कहना है उन्हें इसपर टाइम गुजारना अच्छा लगता है