- डासना और चौधरी चरण सिंह जेल में काट चुका साढ़े पांच वर्ष की सजा

- पासपोर्ट का समय पूरा होने पर भी दिल्ली की न्यू सीलमपुरी में रह रहा था

Meerut : चार साल से चौधरी चरण सिंह जेल में बंद पाकिस्तानी को रिहा कर दिया गया। उसे गाजियाबाद की एलआईयू को सौंपा गया है, जिसे चार जुलाई को अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी सरकार के हवाले कर दिया जाएगा। दिल्ली के न्यू सीलमपुरी में बिना पासपोर्ट के रहते हुए पाकिस्तानी को गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गाजियाबाद अदालत में सुनवाई के बाद उस पर पचास हजार जुर्माना कर पांच वर्ष की सजा सुनाई गई थी।

ये थे आरोप

पाकिस्तान के नॉर्थ कराची में रहने वाले ख्7 वर्षीय आफताब आलम पुत्र अब्दुल समद को ख्008 में दिल्ली के न्यू सीलमपुरी झुग्गी-झोपड़ी से गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप था कि पासपोर्ट का समय पूरा होने के बाद आफताब दिल्ली में ही रह रहा था। आफताब पर ब्ख्0, ब्म्7, ब्म्8 और क्ब् विदेशी अधिनियम का मुकदमा दर्ज कर दिया। उसे गिरफ्तारी के बाद गाजियाबाद की डासना जेल में रखा गया था। मुकदमे में सुनवाई हुई तो आफताब तो पांच साल की सजा और पचास हजार रुपये का जुर्माना कर दिया था। भ्0 हजार की रकम नहीं चुकाने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी।

डासना से मेरठ तक

डासना जेल में रहते हुए उससे खतरा बताते हुए ख्0क्क् में मेरठ की चौधरी चरण सिंह जेल में शिफ्ट कर दिया था। तब से वह जेल में ही अपने गुनाह की सजा काट रहा था। उसकी सजा का समय पूरा होने के बाद पाकिस्तानी दूतावास के माध्यम से पाकिस्तानी सरकार को एक मेल भेजकर आफताब की सजा पूरी होने की जानकारी दी गई।

चार जुलाई को रिहा

ई-मेल का जवाब भारत सरकार को मिलने के बाद तय हुआ कि आफताब को पाकिस्तान लेने के लिए तैयार है। अटारी बार्डर पर सौंपने के लिए चार जुलाई की तिथि निश्चित की गई। बुधवार की दोपहर मेरठ जेल से पाकिस्तानी नागरिक को गाजियाबाद की एलआईयू को सौंप दिया। एलआईयू की टीम उसे लेकर मेरठ से गाजियाबाद के लिए रवाना हो गई है।

सजा का समय पूरा होने पर आफताब को एलआइयू को सौंप दिया गया है, जिसे अटारी बार्डर पर सौंपा जाएगा।

- मोहम्मद हुसैन मुस्तफा रिजवी, वरिष्ठ जेल अधीक्षक।