MATHURA (11 March): स्टॉक टैंक के पास आग की लपटों ने शुक्रवार सुबह रिफाइनरी को दहला दिया। खतरे का सायारन भले ही नहीं बजाया गया, इलाका पुलिस और दमकल को भी खबर नहीं की गई। लेकिन, आग बुझाने के लिए रिफाइनरी की दमकल को करीब आधा घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। इस आग से हालांकि कोई नुकसान होने की जानकारी नहीं दी गई। रिफाइनरी प्रबंधन ने बताया कि कूड़ा-करकट में किसी ने जलती हुई बीड़ी फेंक दी थी, जिससे आग लग गई। इस दौरान रिफाइनरी से सटे गांव भैंसा में भगदड़ मच गई। लोग अपने-अपने घरों को छोड़ सुरक्षित काफी दूर चले गए थे।

चार दर्जन स्टौक टैंक हैं

रिफाइनरी परिसर में गांव भैंसा की तरफ पेट्रोलियम पदार्थ के करीब चार दर्जन स्टॉक टैंक हैं। ये टैंक डीजल, पेट्रोल और डामर के साथ-साथ क्रूड ऑयल के हैं। एक टैंक की क्षमता पांच हजार किलोलीटर है। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े दस बजे अचानक इसी स्टॉक टैंक एरिया से आग की लपटें उठने लगीं। रिफाइनरी के ऊपर धुएं के काले बादल छा गए। स्टॉक टैंक की सुरक्षा दीवार से करीब 50 फीट दूरी पर स्थित गांव भैंसा में दिन में अंधेरा छा गया। ग्रामीण इन लपटों को लेकर खतरे का सायरन बजने का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान ग्रामीणों को दमकल की गाडि़यों के हूटर सुनाई देने लगे। गांव भैंसा में भगदड़ मच गई। जान बचाने के लिए ग्रामीण जंगल की तरफ दौड़ रहे थे।

पुलिस ने नहीं की पुष्टि

रिफाइनरी के पीआरओ संजय शर्मा ने बताया कि टैंक संख्या पीके-006 के समीप कूड़ा-करकट की सफाई कराई जा रही है। किसी मजदूर ने जलती हुई बीड़ी फेंक दी और इससे कचरे में आग लग गई थी। उसी का धुआं उठा था। हालांकि सूचना मिलने पर गए पहुंची रिफाइनरी पुलिस को जानकारी करने पर बताया गया कि क्रूड ऑयल के एक टैंक से रिसाव हो रहा था। उसकी मरम्मत का कार्य चल रहा था। बै¨ल्डग की ¨चगारी से आग लग गई थी। पुलिस अधिकारी इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। गांव भैसा निवासी रवि और रोहन सिंह ने बताया कि अगर स्टॉक टैंक फट जाता तो आसपास के इलाके में तबाही का मंजर होता।