-बीआरडी में डॉक्टर आरती की मौत में खुल रही व्यवस्था की पोल -यहां सिर्फ मौखिक रूप से चल रही व्यवस्था GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज की डॉ। आरती की मौत की मिस्ट्री पर सवाल खड़े होने लगे हैं। कॉलेज प्रशासन के अनुसार, स्टूडेंट्स की रिपोर्टिग की व्यवस्था है। इसके तहत स्टूडेंट की 24 घंटे की गतिविधि पर नजर रखी जाती है। जबकि, अब जांच में आया है कि यह नियम सिर्फ मौखिक तरीके से ही लागू है। जिम्मेदार रजिस्टर में रिपोर्ट दर्ज नहीं करते हैं। इस व्यवस्था के तहत जूनियर के ऊपर सीनियर को तैनात किया जाता है। सीनियर के ऊपर कंसल्टेंट होता है। कंसल्टेंट एचओडी को रिपोर्ट करता है। रविवार को दिनभर बीआरडी में यह सवाल घूमता रहा कि अगर डॉ। आरती को पेट में दर्द था तो उसे कंसल्टेंट को सूचना देनी चाहिए थी तथा इसका जिक्र रजिस्टर में होना था। कंसल्टेंट ने बीमारी की सूचना एचओडी को दी थी या नही। यह सब उस रजिस्टर से ही पता चलेगा, जिसका प्रावधान हॉस्टल में रहने वाले रेजिडेंट के लिए है। इस संबंध में एचओडी डॉ। रीना श्रीवास्तव से बात हुई तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और रिकॉर्ड के सवाल पर सभी दस्तावेज दुरूस्त होने की बात कहीं। जूनियर को मानना था आदेश मेडिकल कॉलेज की व्यवस्था के तहत जूनियर रेजिडेंट की रिपोर्टिग सीनियर के पास होती है। वह अपनी बात सीधे एचओडी से न कहकर सीनियर से कहता है। सीनियर इसकी जानकारी कंसल्टेंट को देता है और फिर कंसल्टेंट इसकी सूचना एचओडी तक पहुंचाता है। इस व्यवस्था के अनुसार जूनियर को सीनियर का आदेश मानना होता है। ऐसे में डॉ। आरती के कहने पर जूनियर को उन्हें इंट्राकैथ इंजेक्शन लगाना ही था। सुसाइड का दावा सिर्फ सीरिंज के सहारे डॉ। आरती की मौत को सुसाइड सिर्फ बेहोशी के इंजेक्शन की एक सीरिंज की बरामदगी पर किया जा रहा है। पीएम के बाद बिसरा सुरक्षित कर लिया गया है। मगर इसकी जांच अभी दूर की कौड़ी है। परिजनों के कहने पर ही पुलिस बिसरा को जांच के लिए लखनऊ भेजती है। ऐसे में अगर परिवार के लोग मौत का कारण जानने के लिए बिसरे की जांच के लिए कहेंगे तभी तस्वीर साफ हो सकेगी। मेडिकल कॉलेज में पसरा रहा सन्नाटा मौत के मामले को लेकर रविवार को हॉस्टल से लेकर मेडिकल कॉलेज कैंपस तक सन्नाटा पसरा रहा। कोई भी इस इसके बारे में कुछ कहने को तैयार नहीं थी। हॉस्टल के आसपास सन्नाटा पसरा रहा। यह है मामला बीआरडी मेडिकल कॉलेज में गाइनी से पीजी की अंतिम वर्ष की छात्रा डॉक्टर आरती की शुक्रवार देर रात संदिग्ध स्थिति में लाश मिली थी। पुलिस इसे सुसाइड करार दे रही तो आरती के परिजन हत्या का आरोप लगा रहे हैं। डॉक्टर आरती बिहार के समस्तीपुर के काशीपुर की रहने वाले विजयकांत झा की सबसे छोटी बेटी हैं। वह इंदिरा हॉस्टल में रूम नंबर 35 में रहती थी। डॉ। आरती केजीएमयू लखनऊ की गोल्ड मेडलिस्ट थी। वर्जन अभी अधिकारिक प्रक्रिया पूरी होनी बाकी है। इसके बाद बिसरा जांच के लिए लखनऊ के फारेंसिक लैब के लिए भेजा जाएगा। ओमहरि बाजपेयी, इंस्पेक्टर गुलरिहा