दरअसल, अहिरवां एयरपोर्ट पर राडार ही नहीं है। सेकेंड्री राडार से काम चलाया जा रहा है। एक्सपट्र्स कहते हैं कि मॉनसून में बिना राडार के काम चलाना खते से खाली नहीं है.

ILS तो है ना !

एयरपोर्ट अथॉरिटी के ऑफिसर्स से जब पूछा गया तो जवाब मिला कि राडार नहीं है तो क्या हुआ, आईएलएस तो है। राडार की क्या जरूरत? इस सवाल पर कि जब आईएलएस से ही काम चल सकता है तो फिर एयरपोर्ट पर राडार क्यों लगाए जाते हैं? जवाब मिला, वीओआर (Very High frequency Omni Directional Range) और डीएमई डीएमइ (DistanceMeasuring Equipment) दोनों ही सिस्टम अहिरवां एयरपोर्ट पर हैं। इन्हीं के थू्र फ्लाइट की पोजीशन ली जाती है। इसको सेकेंड्री राडार कहते हैं। इससे ठीक काम चल रहा है.

Monsoon में और जरूरी

एक्सपर्ट्स के मुताबिक एयरपोर्ट पर वेदर राडार नहीं होने से पायलट्स मीटियोरोलॉजिकल डेटा एक्सेस नहीं कर पाते हैं। सेफ लैंडिंग के लिए यह डाटा बहुत जरूरी होता है। यही नहीं बारिश के सीजन में तो पायलट्स के लिए राडार बहुत जरूरी हो जाता है। ग्राउंड से मीटियोरोलॉजिकल कंडीशन के बारे में कम्युनिकेशन होने पर फ्लाइट की सेफ लैंडिंग आसानी से कराई जा सकती है.

यूं चल रहा है काम

अहिरवां एयरपोर्ट पर वेदर रडार नहीं होने के कारण एटीसी वीओआर (Very High frequency Omni Directional Range) और डीएमइ (DistanceMeasuring Equipment) सिस्टम के थू्र प्लेन लैंड होता हैमगर ये सिस्टम फूलपू्रफ नहीं हैइस सिस्टम से सिर्फ वॉइस कम्युनिकेशन होता हैवेदर राडार होने से पॉयलट मौसम और रनवे की पोजीशन स्क्रीन पर देख सकते हैंउनके सामने रनवे का वर्चुअल सीन होता है जो सेफ एंड स्मूद लैंडिंग में बहुत मदद करता है.

क्या हैं मानक?

डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन के बाईलॉज के तहत जिस एयरपोर्ट से 70 या उससे अधिक सीट का प्लेन उड़ान भरता है, वहां राडार होना जरूरी है। अहिरवां एयरपोर्ट पर दिल्ली-कानपुर-कोलकाता के बीच दो फ्लाइट्स एआई 9801 और एआई 9802 ऑपरेट हो रही हैं। इसमें CRJ-70 सीटर प्लेन उड़ान भरता है यानि इस प्लेन में 70 सीट्स हैं। इस हिसाब से अहिरवां एयरपोर्ट पर राडार होना चाहिए। एक तरफ जहां सिटी से मुंबई और बंगलूरू की फ्लाइट की प्लानिंग प्रपोज्ड है। वहीं दूसरी तरफ अहिरवां एयरपोर्ट पर सेफ लैंडिंग के लिए अब तक राडार का नहीं होना खतरनाक सिचुएशन है। उधर, सिटी से रेग्यूलर उड़ान भरने वाले पैसेंजर्स की मानें तो कई बार अहिरवां पर प्लेन लैंड होने से पहले झटके ले चुका है। यह पता चलने पर कि राडार ही नहीं है, फ्रीक्वेंट फ्लायर्स और परेशान हैं.