गंगा में उफान लगातार 15 दिनों से जारी है। पहले बढ़ाव की रफ्तार धीमी थी और एक दिन में पानी 15 से 30 सेमी बढ़ रहा था। मगर पिछले चार दिनों के अंदर बढ़ाव अचानक तेज हो जाने से स्थिति खराब हो चुकी है। गुरुवार को बनारस में जहां पिछले चौबीस घंटों के दौरान गंगा में 66 सेमी का बढ़ाव दर्ज किया गया है वहीं केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि अगले चौबीस घंटों में ये बढ़ाव एक मीटर से ज्यादा होगा। ऐसे में गुरुवार की सुबह तक गंगा बनारस में 70.66 मीटर तक पहुंच सकती है.
सामनेघाट एरिया में हड़कम्प
गंगा की बाढ़ का सीधा असर सामनेघाट एरिया के महेश नगर में पड़ा है। यहां बुधवार को खाली जमीन का एक बड़ा हिस्सा कटान के चलते गंगा में गिर गया। वहीं कई मकानों की ओर गंगा बढ़ चुकी है। गंगा किनारे नगवां एरिया में बने कुछ मकानों में पानी घुस भी चुका है। लोग अपने घरों का सामान सुरक्षित जगह पहुंचाने में जुटे हुए हैं क्योंकि जल्द ही बढ़ाव रूकने का संकेत नहीं है.
और बिगड़ी वरुणा की दशा
गंगा जहां अब सिटी में एंट्री के लिए तैयार है वहीं वरुणा भी कम नहीं। वरुणा की बाढ़ ने नक्खीघाट, लाट, सरैयां सहित कई इलाकों में सैकड़ों लोगों को घर छोडऩे के लिए मजबूर कर दिया है। यदि गंगा बनारस में खतरे के निशान के पार गई तो वरुणा का उफान और बेकाबू होगा। ऐसे में हजारों लोगों को घर छोडऩा ही पड़ेगा.
गंगा में उफान लगातार 15 दिनों से जारी है। पहले बढ़ाव की रफ्तार धीमी थी और एक दिन में पानी 15 से 30 सेमी बढ़ रहा था। मगर पिछले चार दिनों के अंदर बढ़ाव अचानक तेज हो जाने से स्थिति खराब हो चुकी है। गुरुवार को बनारस में जहां पिछले चौबीस घंटों के दौरान गंगा में 66 सेमी का बढ़ाव दर्ज किया गया है वहीं केंद्रीय जल आयोग का अनुमान है कि अगले चौबीस घंटों में ये बढ़ाव एक मीटर से ज्यादा होगा। ऐसे में गुरुवार की सुबह तक गंगा बनारस में 70.66 मीटर तक पहुंच सकती है.
गंगा की बाढ़ का सीधा असर सामनेघाट एरिया के महेश नगर में पड़ा है। यहां बुधवार को खाली जमीन का एक बड़ा हिस्सा कटान के चलते गंगा में गिर गया। वहीं कई मकानों की ओर गंगा बढ़ चुकी है। गंगा किनारे नगवां एरिया में बने कुछ मकानों में पानी घुस भी चुका है। लोग अपने घरों का सामान सुरक्षित जगह पहुंचाने में जुटे हुए हैं क्योंकि जल्द ही बढ़ाव रूकने का संकेत नहीं है.
और बिगड़ी वरुणा की दशा
गंगा जहां अब सिटी में एंट्री के लिए तैयार है वहीं वरुणा भी कम नहीं। वरुणा की बाढ़ ने नक्खीघाट, लाट, सरैयां सहित कई इलाकों में सैकड़ों लोगों को घर छोडऩे के लिए मजबूर कर दिया है। यदि गंगा बनारस में खतरे के निशान के पार गई तो वरुणा का उफान और बेकाबू होगा। ऐसे में हजारों लोगों को घर छोडऩा ही पड़ेगा.
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