दिल्ली में हो रही झमाझम बारिश से बढ़ सकता है यमुना का जलस्तर

ALLAHABAD: गंगा-यमुना का जलस्तर घटने के बावजूद प्रशासन का सिरदर्द कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अब दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से अधिकारियों की चिंताएं बढ़ गई हैं। वहां का पानी चार से पांच दिनों में नदियों में दबाव बना सकता है। उधर, मध्य प्रदेश में फिर से बारिश शुरू हो जाने से भी भविष्य में दिक्कतें बढ़ने की संभावना पैदा हो रही है। हालांकि, इस बीच पिछले चौबीस घंटों में गंगा और यमुना के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई है।

अगस्त तक बनी रहेगी चिंता

इलाहाबाद में भले ही बारिश कम हो रही हो लेकिन अन्य प्रदेशों में इस साल मानसून ने जोरदार दस्तक दी है। इसका असर है कि इस सीजन में दो बार गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ चुका है और भविष्य में फिर से उफान आने की संभावना है। सिचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एमपी में बारिश का असर कम हुआ तो दिल्ली में लगातार बारिश शुरू हो गई। यह भी चिंता का सबब है। वहां का चार से पांच दिनों में इलाहाबाद पहुंचेगा। अधिकारियों का कहना है कि देशभर में हो रही जबरदस्त बारिश से अपने यहां बाढ़ का खतरा अगस्त बने रहने की उम्मीद है।

लोगों ने ली राहत की सांस

पिछले चौबीस घंटे में नदियों का पानी कम होने से कछार के निवासियों ने राहत की सांस ली है। गंगा में 28 सेमी तो यमुना में 27 सेमी की गिरावट दर्ज की गई है। रविवार को गंगा का जलस्तर 80.48 मीटर और यमुना का जलस्तर 79.74 मीटर दर्ज किया गया। अगले दो से तीन दिन तक पानी में गिरावट जारी रहेगी लेकिन उसके बाद फिर से जलस्तर बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। छतनाग का जलस्तर 79.14 मीटर दर्ज किया गया है।

जलभराव से जूझ रहा शहर

पानी घटने के बावजूद प्रशासन ने स्लूज गेट नहीं खोला है। आने वाले खतरे को देखते हुए इसे बंद रखने के निर्देश जिला प्रशासन ने दिए हैं। उधर, शनिवार रात से हो रही बारिश के चलते एक बार फिर शहर जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। शहर के कई इलाकों में सड़कों से गलियों तक पानी भर गया है। अधिकारियों का कहना है कि एसटीपी पर लगे पंपों को चेक कर लिया गया है। अगर शहर में जोरदार बारिश हुई तो पानी को पंपों के जरिए बाहर फेका जाएगा।

- फिलहाल गंगा-यमुना का जलस्तर घट रहा है लेकिन दिल्ली में लगातार हो रही बारिश से भविष्य में दिक्कत हो सकती है। एमपी का पानी भविष्य में दबाव बना सकता है।

मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड