लगातार दूसरे दिन तेजी से बढ़ा नदियों का जलस्तर

प्रशासन ने लिया तटीय क्षेत्रों का जायजा, पब्लिक एलर्ट

ALLAHABAD: खतरा अभी टला नहीं है। बारिश के सीजन में लगातार तीसरी बार गंगा-यमुना उफना रही हैं। नदियों में लगातार दूसरे दिन जलस्तर में बढ़ोतरी जारी रही, जिससे तटीय इलाकों में रहने वालों की नींद एक बार फिर हराम हो गई है। उधर, प्रशासनिक अमले ने फिर से इन इलाकों पर नजरें जमा ली हैं। सिचाई विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों तक उत्तराखंड और एमपी में होने वाली झमाझम बारिश से नदियों में बाढ़ का खतरा बना रहेगा।

इस बार भी खतरनाक हालात

मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तराखंड में लगातार आफत की बारिश हो रही है। इसकी वजह से यमुना और गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी बनी हुई है। इस सीजन में तीसरी बार ऐसा हुआ कि दोनों नदियों ने फिर से रौद्र रूप धारण करना शुरू कर दिया। सोमवार से शुरू हुआ नदियों के बढ़ने का सिलसिला मंगलवार को जारी रहा। सिचाई विभाग के बाढ़ प्रखंड के अधिकारियों का कहना है कि दूसरे प्रदेशों में हो हरी बारिश की वजह से भविष्य में नदियों में उफान बने रहने की संभावना है।

दो मीटर से अधिक बढ़ी यमुना

सोमवार को यमुना का जलस्तर 150 सेमी और मंगलवार को 83 सेमी बढ़ा। इस तरह से दो दिनों में 2.33 मीटर उफान रहा। इसी तरह गंगा में सोमवार को 54 सेमी और मंगलवार को 67 सेमी बढ़ोतरी हुई। दोनों दिनों का मिला दिया जाए तो 1.21 मीटर जलस्तर चढ़ा। अगर यही हालात बने रहे तो कुछ दिनों में तटीय इलाके बाढ़ के पानी में डूब सकते हैं। इस हालात में छोटा बघाड़ा, ढरहरिया और सदियाबाद जैसे कछारी इलाकों में रहने वालों की दिल की धड़कने एक बार फिर बढ़ने लगी हैं।

मंगलवार को नदियों का जलस्तर

फाफामऊ- 79.78 मीटर

छतनाग- 78.56 मीटर

नैनी- 79.24 मीटर

- गंगा और यमुना के पानी में एक बार फिर उफान शुरू हो गया है। दूसरे प्रदेशों में हो रही बारिश की वजह से आगे भी जलस्तर बढ़ सकता है। हालात पर नजर रखी जा रही है। तटीय इलाकों का दौरा किया जा रहा है।

मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड