-बड़े हनुमान मंदिर से चंद कदम दूर बह रही मोक्षदायिनी

-तटीय मोहल्लों के लोगों का धैर्य दे रहा जवाब, पलायन की तैयारी

ALLAHABAD: बाढ़ का खतरा तेजी से इलाहाबाद पर मंडरा रहा है। इस बार भी गंगा-यमुना जिस तेजी से वह बढ़ रही है वह खतरे का सबब बन सकता है। वहीं, तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश भी जिला प्रशासन के सिर का दर्द बनी हुई है। अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय इलाकों का दौरा किया। उधर, बंधवा हनुमान मंदिर के नजदीक गंगा के आ जाने के बाद भक्तों का तांता लगने लगा।

तीन तरफ से बढ़ रहा पानी

यमुना में जहां मध्य प्रदेश और राजस्थान के पानी ने तबाही मचा रखी है, वहीं गंगा में गंगा बैराज से छोड़ा गया पानी जलस्तर बढ़ा रहा है। ऊपर से तीन दिन से सिटी में हो रही बारिश ने भी कछारी इलाकों में रहने वालों की जान सांसत में डाल रखी है। यही कारण है कि बाढ़ का यह नजारा इस साल चौथी बार दिख रहा है। खतरे को देखते हुए सोमवार रात को ही दारागंज बांध के स्लूज गेट को बंद कर दिया गया। संगम तथा आसपास बने घाटों पर काबिज घाटिए और दुकानदारों ने भी रातोंरात पलायन शुरू कर दिया था। सुबह तक नजारा बदला हुआ था। मंगलवार को गंगा का पानी बड़े हनुमान जी के बिल्कुल करीब पहुंच गया था। वहीं काली मार्ग पर बना हरिहर आरती स्थल भी गंगा की आगोश में आ गया।

नजदीक पहुंचा पानी

शहर के बद्री आवास योजना, सलोरी, दारागंज, चांदपुर, बघाड़ा, छोटा बघाड़ा, ढरहरिया, राजापुर तथा बेली जैसे तटवर्ती मोहल्लों के बिल्कुल नजदीक पानी पहुंच गया है। इसको लेकर लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। जबकि, फाफामऊ के मोरहू, सुमेरी का पूरा, मलाक हरहर, गद्दोपुर, रंगपुरा, झूंसी के नई झूंसी, बदरा, सोनौटी, नींबी व छतनाग व नैनी के बसवार, मोहद्दीपुर, मेहवा, मड़ौका, मोहब्बतगंज, अरैल, मवैया, लवायन कला, मेजा आदि क्षेत्रों की बची फसलें भी बाढ़ के पानी की भेंट चढ़ गई हैं।

चौबीस घंटे में कितना बढ़ा पानी

फाफामऊ-33 सेमी(बढ़ोतरी)-80.53 मीटर

छतनाग-58 सेमी(बढ़ोतरी)-79.27 मीटर

नैनी-70 सेमी(बढ़ोतरी)-79.94 मीटर

हनुमान मंदिर में लगा भक्तों का तांता

गंगा जिस तेजी से बड़े हनुमान मंदिर की तरफ बढ़ रही हैं, उसको लेकर फिर अटकलबाजी शुरू हो गई है। हर साल गंगा बजरंगबली को नहलाने आती हैं। बीते दिनों जब गंगा का जलस्तर तेजी से घटा तो आशंका जाहिर की जाने लगी थी कि क्या इस बार बिना हनुमान जी को नहलाए ही गंगा लौट जाएंगी। मंगलवार को जैसे ही लोगों को पता चला कि गंगा मंदिर के नजदीक पहुंच गई हैं तो वहां श्रद्धालुओं का तांता लग गया। लोगों का मानना है कि इस बार मां गंगा बिना हनुमानजी को नहलाए वापस नहीं लौटेंगी। उम्मीद है कि अगले 24 घंटे में पानी मंदिर के भीतर प्रवेश कर जाएंगी।

वर्जन

इस बार भी दोनों नदियों में तेजी से उफान आया हुआ है। दूसरे प्रदेशों से आने वाला पानी गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ा रहा है। अगर बारिश नहीं थमी तो दिक्कतें बढ़ सकती हैं।

मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, बाढ़ प्रखंड