गंगा के साथ यमुना में भी बढ़ रहा पानी का ग्राफ

उत्तराखंड और एमपी में होने वाली बारिश पर टिकी हैं निगाहें

ALLAHABAD: इस सीजन में यह लगातार चौथी बार होगा जब फिर से गंगा-यमुना, दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। तीन पहले शुरू हुआ यह क्रम रविवार को भी जारी रहा। इसको लेकर जिला प्रशासन एक बार फिर एलर्ट हो गया। अधिकारियों ने तटीय इलाकों पर नजरें जमा ली हैं। मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश पर नजरें टिकी हुई हैं। अब वहां मानसून नहीं थमा तो गंगा से जुड़े शहरों के लिए खतरा बढ़ सकता है।

एक मीटर बढ़ा जलस्तर

गंगा-यमुना में जलस्तर बढ़ने का क्रम शुक्रवार को शुरू हुआ था। इसके बाद शनिवार और रविवार को इसने तेजी पकड़ ली। तीन दिनों में कुल मिलाकर एक मीटर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों का कहना है कि रविवार की रात को भी यह क्रम जारी रहेगा। जानकारी के मुताबिक पिछले चौबीस घंटों में फाफामऊ में 27, छतनाग में 22 और नैनी में 28 सेमी जलस्तर में बढ़ोतरी हुई है।

बारिश नहीं फिर भी खतरा

देखा जाए तो इलाहाबाद में इस बार बारिश काफी कम हुई है, बावजूद इसके बार-बार नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। यह चौथी बार है कि नदियों के पानी में उफान जारी है। इसके पहले तीन बार नदियों का पानी खतरे की घंटी बजा चुका है। हालांकि पिछली बार तक यमुना में बढ़ोतरी हो रही थी लेकिन इस बार दोनों नदियों पैरेलल बढ़ रही हैं। सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारियों का कहना है कि एमपी और उत्तराखंड में बारिश थम जाएगी तो इलाहाबाद में भी खतरा टल जाएगा।

रविवार को नदियों का जलस्तर

फाफामऊ- 79.98 मीटर

छतनाग- 78.19 मीटर

नैनी- 78.88 मीटर

- पिछले तीन दिनों में फिर से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है। रविवार रात यह क्रम जारी रहेगा। अगर एमपी और उत्तराखंड में बारिश होती रहेगी तो खतरा बना रहेगा।

मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिचाई विभाग बाढ़ प्रखंड