गंगा-वरुणा का कहर, सैकड़ों को किया बेघर
मंगलवार को वरुणा पार का हर शख्स परेशान था। परेशानी इसलिए थी कि कल तक लोगों की रोजी-रोटी का साधन बनी वरुणा ने इलाके के कई परिवारों की रोजी-रोटी ही छीन ली। साथ में लोगों को उनके घरों से भी निकाल बाहर किया। ये सब अचानक हुआ रविवार की रात से। रविवार को लोग जब अपने घरों में सुकून से सो रहे थे तब लोगों को इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था कि घरों से कोसों दूर बह रही वरुणा सुबह होते होते तक उनके घर के अंदर होगी। हालात अब ये हैं कि वरुणा पार के अधिकांश इलाके वरुणा के बढ़ाव के चलते प्रभावित है और इससे लगभग 700 परिवार सफर कर रहे हैं। ये परेशानी सिर्फ वरुणा पार के इलाके में ही नहंी बल्कि शहरी इलाके में भी पैदा हो सकती है। वजह है गंगा का लगातार बढ़ते जाना। अगर मंगलवार की बात करें तो दोपहर तक गंगा बनारस में खतरे के निशान से महज 2.70 मीटर नीचे बह रही थी।

शुरू हुआ पलायन
गंगा और वरुणा दोनों के एक साथ बढऩे से हालात बहुत खराब होने लगे हैं। सिटी में गंगा के बढऩे से जहां घाटों की कनेक्टिविटी खत्म हो गई है। वहीं अब गंगा गलियों से होती हुई सड़क पर आने को बेताब है। दशाश्वमेध और शीतला घाट पर गंगा सीढिय़ा चढ़ चुकी हैं और सड़क से कुछ ही सीढिय़ां नीचे बह रही हैं। वहीं वरुणा में बढ़ाव का क्रम भी लगातार जारी है। वरुणा का जल स्तर बढऩे के चलते वरुणा पार के अधिकांश मुस्लिम और निचले इलाके प्रभावित हैं। इसके चलते वरुणा का पानी लोगों के घरों में घुस गया है। सरैया, पुरानापुल और शैलपुत्री इलाके में वरुणा के रिहायशी इलाकों में पहुंचने के कारण लोग पलायन को मजूबर है। इन इलाकों के लोगों की मानें तो अब तक 100 से ज्यादा परिवार अपना घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की तलाश में निकल चुके हैं। वहीं 500 से ज्यादा परिवार वरुणा के लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते सुरक्षित ठीहे की तलाश में जुट गए हैं।

नहीं है कोई पूछने वाला

वरुणा पार के पुराना पुल और सरैया इलाके के लोग वरुणा के बढ़ते जलस्तर से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इलाके में घनी बस्तियां हैं और मुस्लिम इलाका होने के चलते लोगों अधिकतर घरों में करघे लगे हैं लेकिन वरुणा का पानी घरों में घुसने से लोगों के करघे ठप पड़ गए हैं। वहीं रमजान के पाक माह में अचानक आई इस मुसीबत ने रोजेदारों की मुसीबतों को भी बढ़ा दिया है। रोजा रखने वाले लोगों को वरुणा के घरों में पहुंचने से अपना घर छोडऩा पड़ा है। इलाके के लोगों में इस बात को लेकर सबसे ज्यादा नाराजगी है कि इतनी दिक्कतों के बाद भी अब तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है। इसके चलते अधिकांश लोग खुले आसमान के नीचे रात गुजारने पर मजबूर हैं।

रोजी-रोटी का संकट

वरुणा का कहर अचानक बरपने से कई इलाकों में लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। लगातार बढ़ रही वरुणा जहां एक के बाद एक नये-नये इलाकों को अपनी चपेट में ले रही है। वहीं रोज कमाने और रोज खाने वाले लोग परेशान है। वरुणा पार के कई निचले इलाकों में साड़ी बुनाई, धागा रंगाई और फर्नीचर बनाने का काम होता है। जिसके लिए डेली वेजेज पर लेबर्स को लगाया जाता है लेकिन वरुणा के बढऩे के चलते ये सारे काम बंद हो गए है और इससे जुड़े लेबर्स के आगे रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है।

वरुणा के बढऩे से ये इलाके हैं प्रभावित
सरैया, शैलपुत्री, पुरानापुल, पुलकोहना, ककरहवा, घार, नक्खीघाट, शक्करतालाब, मडिय़ा, ऊंचाहुआ, तीन पुलिया।

गलियों में हो रहा है शव दाह
एक ओर जहां वरुणा अपना रौद्र रुप दिखाने की तैयारी में है। वहीं दूसरी ओर गंगा भी लगातार गलियों की ओर रुख कर रही है। 28 जुलाई से गंगा के जलस्तर में तेजी से हो रहे बढ़ाव के कारण गंगा अब खतरे के निशान से महज 2.70 मीटर ही नीचे बह रही है। गंगा के तेजी से बढऩे से हालात भी बिगड़ रहे हैं। इसके चलते मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट पर शवों का दाहसंस्कार अब गलियों में हो रहा है। वहीं गंगा के बढऩे से नौका संचालन पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है। सावन के मद्देनजर घाटों पर कांवरियों की भीड़ भी जुट रही है। इस वजह से पुलिस और प्रशासन की ओर से घाटों पर पीएसी की फ्लड टीम और गोताखोरों को हमेशा एक्टिव रहने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके अलावा अस्सी और दशाश्वमेध पर जल पुलिस को मोटर बोट चेक कर उसका यूज गश्त में कर बाढ़ की स्थिति का जायजा लेते रहने को भी कहा जा चुका है। वहीं ढाब क्षेत्र में भी हालत बिगड़ते जा रहे है। इसके चलते प्रशासन ढाब इलाके में बसे लोगों को सुरक्षित इलाकों तक पहुंचाने में जुट गया है।

लगातार बढ़ रही है गंगा
गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। पिछले तीन दिनों के दौरान ही गंगा तेजी से बढ़ी है। क्या है गंगा के बढ़ाव का हाल बताते हैं आपको

डेट                   बढ़ाव
25 जुलाई           67.44 स्थिर
26 जुलाई           67.55 स्थिर
27 जुलाई           67.51 स्थिर
28 जुलाई           67.52 बढ़ाव
29 जुलाई           68.20 बढ़ाव
30 जुलाई           68.92 बढ़ाव

ये सारे आंकड़े केन्द्रीय जल आयोग से मिले हैं। आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर बनारस में खतरे के निशान से महज 2.70 मीटर ही नीचे है जबकि बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और गाजीपुर में बुधवार को खतरे का निशान गंगा पार कर सकती है। आयोग के मुताबिक बनारस में अभी गंगा में बढ़ाव जारी रहेगा। जिसका असर इसकी सहायक नदियों पर भी पड़ेगा। यानि अभी वरुणा में भी बढ़ाव जारी रहने की उम्मीद है।

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हालात की जानकारी है। इसलिए वरुणा पार के इलाकों का जायजा लेने के लिए अधिकारियों को वहां जाने को कहा गया है। प्रशासन अलर्ट है।
श्री कृष्ण, एडीएम फाइनेंस एंड रेवेन्यू

 

Report by: gopal.mishra@inext.co.in