करेली, गौस नगर और मक्का मस्जिद में स्वास्थ्य विभाग ने अलग से लगाई टीमें

राहत शिविरों में देखे गए सैकड़ों मरीज, दी गई दवाएं

ALLAHABAD: तेजी से घट रही यमुना अपने पीछे नई मुसीबत छोड़कर जा रही है। करेलाबाग, मक्का मस्जिद और गौस नगर में जलस्तर घटने से गंदगी और कीचड़ की स्थित पैदा होने से महामारी का खतरा बढ़ गया है। जिससे बचाव प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने कसरत शुरू कर दी है। बाढ़ का पानी हटने से लोगों के लिए सिरदर्द पैदा हो गया है। स्थानीय लोगों ने नगर निगम से साफ-सफाई की मांग की है। जिससे किसी नई मुसीबत से बचा जा सके।

लापरवाही पड़ेगी भारी

पिछले एक सप्ताह से करेली, करेलाबाग, और गौस नगर के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में थे। बुधवार से यमुना का जलस्तर तेजी से घटने लगा तो लोगों ने राहत की सांस ली। अभी तक पानी में डूबे इलाकों से बाढ़ का पानी हटने के बाद नई समस्या सामने आ गई है। यहां पर गंदगी और कीचड़ के चलते लोगों का खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि अगर जल्द ही खास उपाय नहीं किए गए तो डायरिया और बुखार जैसे संक्रामक रोगों की चपेट में बड़ी संख्या में लोग आ सकते हैं।

एहतियातन लगाई गई 12 टीमें

गंगा और यमुना किनारे बाढ़ घटने से पैदा होने वाली महामारी पर लगाम लगाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने कुल बारह टीमें तैनात की हैं। इनमें से तीन टीमें करेली, गौसनगर, करेलाबाग और मक्का मस्जिद एरिया में लगाई गई हैं। जिला संक्रामक रोग अधिकारी डॉ। एएन मिश्रा का कहना है कि यमुना के तेजी से घटने से जल्द से जल्द इन इलाकों में दवा का छिड़काव किया जाना बेहद जरूरी है जिससे मक्खी-मच्छर को पनपने से रोका जा सके। साफ-सफाई के लिए प्रशासन ने नगर निगम को एलर्ट रहने के आदेश दिए हैं।

गंगा की रफ्तार भी धीमी

गुरुवार को यमुना के घटने की रफ्तार गंगा के मुकाबले कम नहीं है। यमुना का जलस्तर दो सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से घटा तो गंगा एक-एक सेमी कम होती रहीं। माना जा रहा है कि रात तक यमुना और तेजी से पीछे हटेंगी। जिसको लेकर प्रशासन सतर्क हो गया है। बता दें कि गुरुवार को गंगा का जलस्तर 86.04 मीटर और यमुना का जलस्तर 85.80 सेमी रहा। दोनों नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।

शिविरों में मिले 325 मरीज

उधर, शहर में बनाए गए 17 राहत शिविरों में गुरुवार को बुखार, डायरिया, खुजली, सर्दी-जुकाम और कंजक्टवाइटिस के कुल 325 मरीज मिले। इनकी जांच के लिए लगाई गई आठ टीमों ने मरीजों की जांच कर उन्हें दवा वितरित की। सर्वाधिक मरीज स्टैनली रोड महबूब अली इंटर कॉलेज में 42, बघाड़ा के एनी बेसेंट कॉलेज में 70, पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजापुर में 22, कैंट में 20 और परशुराम इंटर कॉलेज नयापुरवा में कुल 22 मरीज मिले।

नदियों का पानी घटने से कछार के इलाकों में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है। इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम को एलर्ट किया गया है। दवाओं का छिड़काव इन इलाकों में कराया जा रहा है।

संजय कुमार, डीएम