- सीएफएल से हो सकता है कैंसर डिजीज का खतरा

- अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट में खतरनाक रिजल्ट सामने आया

Meerut : दूधिया रोशनी देने वाला सीएफएल (कॉपैक्ट फ्लोरेसेंट लैंप) आज हर घर की पसंद है। वजह है कम बिजली खर्च और इसकी दूधिया रोशनी। इसे बिजली बचाने के विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा है, लेकिन जरा संभलिए। इसकी दूधिया रोशनी के पीछे एक काला सच भी है। अगर खराब होने के बाद सीएफएल को सही तरीके से डिस्पोज नहीं किया गया तो यह आपकी जान तक ले सकता है। चौंकिये मत। यह सच है। इसको लेकर न तो पब्लिक अवेयर है और न ही इसे बेचने वाले। याद कीजिए, जब पिछली बार आपके घर में लगे सीएफएल ने काम करना बंद कर दिया था। बहुत मुमकिन है कि आपने इसे घर के अन्य कचरे के साथ फेंक दिया हो, लेकिन सीएफएल को इस तरह कूड़े में फेंकना कई लोगों की जान जाने का सबब बन सकता है।

सेहत के साथ खिलवाड़

अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट ने सबको सकते में ला दिया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सीएफएल का सीधा खतरा आंखों पर होता है। इसकी तेज रोशनी से मोतियाबिंद और टेरोजिया का खतरा होता है। सीएफएल की तेज और चमकीली रोशनी से निकलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें आंखों को प्रभावित करती है। टंगस्टन बल्ब वाली रोशनी की अपेक्षा सीएफएल की रोशनी चार से छह गुना ज्यादा होती है। सीएफएल में पाए जाने वाली लेड और मरकरी बहुत खतरनाक होती है।

कैंसर, स्किन डिजीज का खतरा

हर सीएफएल में मरकरी की मात्रा ब् से क्0 मिलीग्राम होती है। महज एक ग्राम मरकरी में पूरे तालाब को इतना जहरीला करने की क्षमता होती है कि उसमें पल रही मछलियां खाने लायक न रह जाएं। एक्सपर्ट का कहना है कि सीएफएल में पाए जाने वाली खतरनाक वस्तुओं से न्यू बॉर्न बेबीज में डेफ एंड डंब होने की शिकायत हो सकती है। जर्नल में बताया गया है कि जापान में इसे समुद्र में डंप किया गया तो इसके खतरनाक रिजल्ट सामने आए। मछलियां खाने वाली महिलाओं की बॉडी में लेड और मरकरी पहुंच गया। इसके असर से एनीमिया, मसूड़ों में कालापन, लकवा, एन्सिफैलोपैथी, बांझपन, गर्भपात, फेफड़ों के कैंसर, स्किन डिजीज का खतरा पाया गया। अमेरिकन और यूरोपीय देशों में सीएफएल को लेकर पब्लिक को जागरूक किया जाता है, लेकिन अपने देश में ऐसा कोई प्रयास नहीं हो रहा है।

नहीं पता डिस्पोजल का तरीका

सीएफएल का यूज सिटी में तेजी से बढ़ा है। जानकारों का कहना है कि सीएफएल खराब होने के बाद उसको नजदीकी दुकानदार को लौटा देना चाहिए। इससे वे संबंधित कंपनीज को दे सकेंगे ताकि सही तरीके से इसका डिस्पोजल हो सके । सिटी में बिजली की भ्00 से अधिक शॉप्स पर सीएफएल आसानी से अवेलेबल है। शॉपकीपर्स से जब इसके डिस्पोजल के बारे में बात की गई तो उन्होंने किसी तरह की जानकारी होने से इनकार किया। कुछ शॉपकीपर्स ने बताया कि लगभग सभी ब्रांडेड कंपनियों के रैपर पर इसके डिस्पोजल संबंधी हिदायत दी होती है।

सालाना लाखों की बिक्री

सिटी के शॉपकीपर्स का कहना है कि लोकल और ब्रांडेड कंपनियों के सीएफएल की खूब डिमांड है। मेरठ में सालाना क्0 लाख कीमत के सीएफएल बिकते हैं। विजय चौक पर इलेक्ट्रिक चीजों के विक्रेताओं ने बताया कि गारंटी के दौरान खराब होने पर सीएफएल को रिप्लेस कर दिया जाता है। लेकिन गारंटी खत्म होने के बाद लोग इसके कूड़े में फेंक देते हैं। हर महीने क्0- क्भ् हजार सीएफएल खराब हो जाते हैं।

अगर सीएफएल टूट जाए तो

जिस दुकानदार से सीएफएल खरीदें, उससे यह जरूर पूछें कि सीएफएल फूटने की स्थिति में वह क्या मदद कर सकता है। कंपनी का रैपर रखें और संभव हो तो उसका फोन नंबर भी। घर में सीएफएल टूट जाए तो घर के दरवाजे और खिड़कियां खोल दें। कभी भी इसे खुले हाथ से हटाने की कोशिश न करें। उन्हें पेपर टॉवल से उठाएं अगर सीएफएल काम करना बंद कर दे तो उसे रैपर में बंद कर ही कूड़ेदान में डालें।

दूसरी मुश्किलें भी कम नहीं हैं सीएफएल में

- सीएफएल की लोकप्रियता को देखकर कई लोकल कंपनियां मेड इन चाइना सीएफएल सिटी में बेचती हैं। ये कीमत में भले ही कम हो, लेकिन ये जल्दी काम करना बंद कर देते हैं। यह पर्यावरण के लिए बहुत खतरनाक होता है।

- कई लोगों को शिकायत होती है कि सीएफएल की रोशनी से उनके सिर या आंखों में दर्द होता है। कई सीएफएल पूरी रोशनी देने में फ्0 सेकंड तक का समय लगाते हैं।

सीएफएल को कभी तोड़ना नहीं चाहिए। क्योंकि इसके अंदर से निकलने वाली लेड से कैंसर का खतरा होता है। इसमें से कई हार्मफुल गैसेज भी निकलती हैं, जिनसे कई तरह की बीमारियां भी होती हैं। इनका इफेक्टिव डिस्पोजल होना काफी जरूरी है।

- प्रो। इकराम हुसैन, इलेक्ट्रीकल इंजीनियर, डायरेक्टर, राधा गोविंद ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस

गारंटी के दौरान वापस होने वाले सीएफएल कंपनियों के एजेंट्स ले जाते हैं, लेकिन यहां पर खराब सीएफएल को कलेक्ट करने के लिए हम लोगों को किसी कंपनी की तरफ से कोई गाइड लाइन जारी नहीं की गई है।

- अनिल लखानी, इलेक्ट्रिकल एप्लायंसेज शॉप ओनर

मेट्रो सिटीज में सीएफएल को लेकर लोगों में जागरूकता है, लेकिन यहां

पर कोई भी इस पर ध्यान नहीं देता। डिस्पोजल का इंतजाम होना चाहिए।

- राजकुमार, बिजली मैकेनिक