>-दस दिन बीतने के बाद भी चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर का नहीं शुरू हुआ काम

-जांच समितियों के पास फाइलें होने से नये अफसर असमंजस में

VARANASI

पहले हादसा और अब जांच की वजह से चौकाघाट फ्लाईओवर का काम लटक गया है। हादसे के दस दिन बाद तक सिर्फ बीमों को बांधने का ही काम हो सका है। इससे तय समय में कार्य पूरा होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। क्योंकि जांच कमेटियों के पास निर्माण कार्य की फाइलें होने से नए अफसर पिछली कार्ययोजना को लेकर असमंजस में हैं। राज्य सेतु निगम के अफसरों का कहना है कि अगर गतिरोध दूर कर विभागों में समन्वय हो तो फ्लाईओवर के निर्माण कार्य को पूरी गति से शुरू कराया जा सकता है।

प्रशासन की जांच ठंडे बस्ते में

डीएम योगेश्वर राम मिश्र की ओर से कराई जा रही मजिस्ट्रियल जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। क्योंकि अब तक हादसे के तीन पीडि़तों और सेतु निगम के अफसरों का बयान ही दर्ज किया जा सका है। पहले जांच का समय तीन दिन था, लेकिन अब 15 दिन और बढ़ा दिया गया है।

काम शुरू होने के आसार नहीं

सेतु निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर संदीप गुप्ता के मुताबिक जांच की वजह से फ्लाईओवर का काम अब तक शुरू नहीं हो सका है। कई बार काम शुरू कराने का प्रयास किया गया, लेकिन जांच का हवाला देते हुए इसे रोक दिया गया। उन्होंने बताया कि कृषि उत्पादन आयुक्त (एपीसी) की अध्यक्षता वाली कमेटी की जांच रिपोर्ट आ गई है, जबकि अन्य कमेटियां अभी जांच कर रही हैं। ऐसे में एक हफ्ते तक काम शुरू होने की उम्मीद नहीं है।

कंसल्टेंट ने किया रूट सर्वे

राज्य सेतु निगम की ओर से बुलाए गए मुम्बई के कंसल्टेंट (ट्रैफिक विशेषज्ञ) ने गुरुवार को कैंट स्टेशन के आसपास विभिन्न रूटों का सर्वे किया। इस दौरान कंसल्टेंट ने वाहनों के डायवर्जन के बाबत जानकारी ली। विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम एक हफ्ते तक शहर में रहकर कम्प्रिहेंसिव ट्रैफिक मोबिलिटी प्लान तैयार करेगी। विशेषज्ञों की एडमिनिस्ट्रेशन व ट्रैफिक पुलिस के अफसरों के साथ बैठक भी होगी। जिसमें फ्लाइओवर निर्माण के दौरान सेफ्टी के मद्देनजर वाहनों का रूट डायवर्जन करने की रूपरेखा बनेगी।

खोजे नहीं मिल रहे मजदूर

हादसे के बाद राज्य सेतु निगम को स्थानीय मजदूर नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में अफसरों ने मिर्जापुर समेत अन्य जगहों से कुछ लेबर बुलाए हैं। लेकिन काम न होने से मजदूर भी सिर्फ स्क्रैप हटाने का काम कर रहे हैं। सेतु निगम के एक अफसर की मानें तो हादसे के दौरान गिरी बीम को काटकर रोड से किनारे कर दिया गया, लेकिन जब हटाने की बारी आई तो क्राइम ब्रांच के एक अफसर ने जांच का हवाला देते हुए उसे रोक दिया।

ये कमेटियां कर रही जांच

- एपीसी की अध्यक्षता वाली कमेटी

- पीडब्ल्यूडी के चीफ इंजीनियर की कमेटी

- एडीएम (फाइनेंस एंड रेवेन्यू)

- क्राइम ब्रांच

- सेतु निगम की टेक्निकल सेफ्टी टीम

एक नजर

15

मई को हुआ था हादसा

5

कमेटियां कर रही जांच

4

बिन्दुओं पर बनी कार्ययोजना

जांच की वजह से काम शुरू होने में दिक्कत आ रही है। हालांकि कमिश्नर, डीएम समेत अन्य अफसरों से बात कर जल्द काम शुरू कराने का प्रयास चल रहा है। जिससे तय समय सीमा में काम पूरा हो सके।

एके श्रीवास्तव, जीएम, राज्य सेतु निगम