-पांच साल से बन रहे कैंट लहरतारा फ्लाईओवर दिसंबर में बनकर होगा तैयार, स्टील गर्डर लगाने का बचा है काम

- निर्माण के चलते कैंट स्टेशन के सामने लोगों को आने-जाने में हो रही दिक्कत

कैंट लहरतारा रोड पर पिछले पांच सालों से फ्लाईओवर को बनाया जा रहा है. पर अब तक ये पूरा नहीं हो सका है. करीब दो किलोमीटर के इस फ्लाईओवर को ढाई साल में बनाना था. लेकिन एक बार फिर इस फ्लाईओवर की डेडलाइन को बढ़ाकर दिसंबर कर दिया गया है. इस फ्लाईओवर के निर्माण के चलते रोडवेज से लगायत कैंट स्टेशन और इंग्लिशिया लाइन तक जाम लगा रहता है. अब तो आने-जाने वाला हर कोई इस फ्लाईओवर को लेकर यही सोच रहा होगा कि इंतेहा हो गयी इंतजार की. आइये हम आपको इस मैराथन फ्लाईओवर की पूरी कहानी बताते हैं.

स्टील गर्डर का इंतजार

पिछले पांच साल से कैंट-लहरतारा फ्लाईओवर को बनाने का कार्य चल रहा है. काम की सुस्त रफ्तार के चलते भले ही लोगों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है पर तेजी अभी तक नहीं आयी. हालांकि सीमेंट व कंक्रीट का जो काम चल रहा था उसे पूरा कर लिया गया है. सेतु निगम ने अंतिम डेक डालने का काम खत्म कर लिया. कैंट स्टेशन के आजमगढ़ छोर की तरफ की पाइलिंग भी पूरी कर ली गई है. अब सिर्फ स्टील बीम लगाने काम रूका है. मैटेरियल्स अवेलेबल कराने वाली संस्था को स्टील बीम के लिए निर्देशित किया गया है.

काम पूरा होते ही खुलेगा मार्ग

इस काम के पूरा होने के बाद अंधरापुल-कैंट मार्ग को भी पूरी तरह से खोल दिया जाएगा. स्मूद ट्रैफिक के लिए फिलहाल कैंट-लहरतारा मार्ग पर लगे प्रतिबंध को हटाकर एक साइड को खोल दिया गया है. जबकि दूसरे साइड लहरतारा से कैंट की ओर जाने वाले वाहन अभी मालगोदाम रोड की तरफ से ही जा रहे हैं. वहीं कैंट स्टेशन के सामने रोड के दोनों साइड को आम जनता के लिए खोल दिया गया है. लोगों को आने जाने में ज्यादा परेशानी न हो इसलिए वहां पड़े मलबे को भी हटाया जा रहा है.

हादसे ने भी रोक दी रफ्तार

चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण के तहत साल 2015 में 1800 मीटर लंबे इस फ्लाईओवर को बनाने के शुरू कार्य 30 महीने में पूरा होना था. मई 2018 में हुए हादसे के बाद इस काम को अक्टूबर 2019 में पूरा करने का लक्ष्य था. लेकिन बजट के अभाव में काम स्लो हो गया था.

तीन बार बजट हुआ रिवाइज

इस फ्लाईओवर प्रोजेक्ट का बजट तीन बार रिवाइज किया जा चुका है. निमार्ण कार्य शुरू होने के दौरान बजट 7741.43 लाख रुपए था. इसके बाद इसकी लागत 130 करोड़ पहुंच गई. पिछले साल हुए हादसे के बाद फ्लाईओवर निर्माण में स्टील गर्डर लगाने की बात सामने आने पर इसकी लागत 185 करोड़ पहुंच गई.

एक नजर

2012

में शुरू हुआ था फ्लाईओवर को बनाने का काम

2015

से चल रहा है चौकाघाट-लहरतारा फ्लाईओवर विस्तारीकरण का काम

30

माह में पूरा होना था काम

2019

दिसंबर तक पूरा काम पूरा करने का है लक्ष्य

72

प्रतिशत काम पूरा हो चुका है अभी तक

22

पिलर्स में इस्तेमाल होंगे स्टील के गर्डर

62

पिलर्स हैं फ्लाईओवर में

1800

मीटर लंबा है फ्लाईओवर

171.50

करोड़ का है बजट

129

करोड़ मिल चुका है

56

करोड़ होने हैं रिलीज

अब तक 72 परसेंट काम पूरा हो चुका है. सिर्फ स्टील गर्डर रखने का काम शेष रह गया है. वह भी जल्द शुरू हो जाएगा. सब ठीक रहा तो दिसंबर माह तक फ्लाईओवर तैयार हो जाएगा.

एके सिंह, परियोजना प्रबंधक, सेतु निर्माण निगम

पांच साल से बन रहे अंधरापुल-लहरतारा फ्लाईओवर की मियाद एक बार फिर बढ़ गई है. तय कर दिया गया है कि अब दिसंबर 2019 तक फ्लाईओवर तैयार कर काशीवासियों को सौंप दिया जाएगा. धीमी गति से चल रहे फ्लाईओवर निर्माण कार्य के बजट पर गवर्नर की मुहर लगने के बाद से काम में तेजी आई है. अब तक लगभग 72 परसेंट काम पूरा लिया गया है. शेष 28 परसेंट काम दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य तय कर दिया गया है. सिर्फ फ्लाईओवर पर स्टील गार्डर लगाने का काम ठहरा हुआ है. प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की माने तो जल्द ही स्टील गार्डर की खेप आने वाली है.