- पिलर पर चलती रही शटरिंग व पीयर कैपिंग, धड़ल्ले से गुजरते रहे वाहन

- बिना हेलमेट के काम कर रहे थे मजदूर, बैरीकेडिंग के बीच से निकलती रही पब्लिक

- दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के रियलिटी चेक में चौकाघाट फ्लाईओवर निर्माण में सेफ्टी के नहीं दिखे इंतजाम

VARANASI

चौकाघाट लहरतार फ्लाईओवर निर्माण में एक छोटी सी लापरवाही से 15 की एक झटके में जान चली गयी। इन मौतों का असल जिम्मेदार कौन है ये अभी भी जांच में दफ्न है। इस हादसे के बाद निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। सीएम की चाप के बाद ये बंदी सेतु निगम ने इस बिनाह पर की थी कि निर्माण कार्य तभी शुरू होगा जबकि सुरक्षा के फुलप्रूफ इंतजाम कर लिए जाएंगे। करीब डेढ़ महीने बाद फ्लाईओवर का काम फिर शुरु हुआ। गुरुवार को काम के दौरान एक कामगार करंट लगने से झुलस भी गया। इसके बाद भी सुरक्षा से पूरा समझौता किया गया है। शुक्रवार को दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने सेतु निगम के सुरक्षा के दावों की हकीकत जानने को मौके का रियलिटी चेक किया। जो दिखा वो आपके सामने है।

हर जगह दिखी ढिलाई

रोडवेज से वसुंधरा कॉलोनी तक फ्लाईओवर निर्माण में कदम-कदम पर खामियां मिलीं। कहीं मजदूर हेलमेट, दास्ताना व जूता पहने बिना काम कर रहे थे तो कहीं बैरीकेडिंग पर लगी छड़ को तोड़कर अस्थायी रास्ते बना लिए गए हैं। रोडवेज के पास पिलर पर शटरिंग और पीयर कैपिंग होती रही और नीचे से वाहन धड़ल्ले से गुजरते रहे। ट्रैफिक सिपाहियों की ड्यूटी होने के बावजूद सुरक्षा इंतजामों में ढिलाई दिखी।

सीन 01: वसुंधरा कॉलोनी गेट नम्बर 1

यहां पिलर के किनारे लगे गर्डर पर एक मजदूर जान हथेली पर लेकर बैठा था। गर्डर पर कोई काम नहीं हो रहा था, लेकिन वह किस काम से वहां चढ़ा था। यह नीचे मौजूद उसके साथियों को भी पता नहीं था।

सीन 02: वसुंधरा कॉलोनी गेट नम्बर 2

यहां पिलर पर क्रॉस ब्रेसिंग कर बीमों को आपस में जोड़ा जा रहा था, लेकिन पिलर पर मौजूद एक भी मजदूर हेलमेट, दस्ताना और जूते नहीं पहने था। यही नहीं, नीचे सरिया आदि रख रहे मजदूर भी बिना हेलमेट काम कर रहे थे।

सीन 03: जगह-जगह लगे बिजली बोर्ड

निर्माणाधीन एरिया में सेतु निगम ने जगह-जगह खुले में बिजली के बोर्ड और तार लगा रखे हैं। अगर आसपास लोहे से तार छू गए तो बड़ा हादसा होना तय है। अभी गुरुवार को पिलर की तराई करते समय मजदूर सुजीत को करंट लगने के बाद भी बोर्ड के आसपास एरिया में कवरिंग के इंतजाम नहीं किए गए।

सीन 04: कैंट रेलवे स्टेशन

यहां सीढ़ी बनाने के लिए किनारे पर गड्ढा खोदा गया है। पास में एक संस्था ने प्याऊ लगवाया है। एक दिन पहले तक गढ्डे के पास से धड़ल्ले से आवागमन हो रहा था, लेकिन शुक्रवार को सरिया लगाकर रास्ता बंद कर दिया गया। बावजूद इसके बैरीकेड्स के किनारों से लोग निकलते रहे।

सीन 05: कैंट रेलवे स्टेशन के पास

इस जगह पर बैरीकेड्स में लगी सरिया को तोड़कर अस्थायी रास्ता बना लिया गया है। इससे लोग धड़ल्ले से गुजरते हैं। जबकि इसके पास ही दूसरा रास्ता है। वहां मौजूद सेतु निगम के कर्मी भी इनको रोकने की जहमत नहीं उठाते हैं।

सीन 06: रोडवेज के पास

पिलर संख्या 52 पर शटरिंग और पियर कैपिंग का काम चल रहा था। इसके लिए जेसीबी गर्डर चढ़ा रही थी। इस दौरान मौजूद सिपाहियों ने ट्रैफिक रोक दिया, लेकिन रोकने के बावजूद एक चारपहिया वाहन जबरिया निकलने का प्रयास करने लगा। उसे देखकर कुछ और वाहन सवार भी जान हथेली पर रखकर निकल गए।

सीन 07: रोडवेज के सामने

यहां पिलर ढालने के पाइलिंग की गई है। गड्ढे के पास से ही आने-जाने के लिए रास्ता दिया गया है। दिन में तो स्थिति ठीक रहती है, लेकिन रात में गुजरने पर गढ्डे में गिरकर जख्मी होने की हमेशा आशंका बनी रहती है।

ताक पर रख दिए सेफ्टी के पाठ

- बिना फुलप्रूफ इंतजाम के नहीं शुरू करना था काम

- मुम्बई के ट्रैफिक कंसल्टेंट के सुझाए बिन्दुओं पर होनी थी ट्रैफिक व्यवस्था

- एई-जेई को डेली तीन बार करना था इंस्पेक्शन

- मेट्रो की तरह एरिया को कवर करना था काम

- लखनऊ में दी गई थी ब्रिज सेफ्टी ट्रेनिंग

- इंजीनियर्स को मेठ और मजदूरों को देनी थी ट्रेनिंग

चौकाघाट फ्लाईओवर के निर्माण में सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है। सेफ्टी को लेकर इस बार कई नए इंतजाम किए गए हैं। फिर भी इसमें लापरवाही पाई जाती है तो सम्बंधित अफसर-कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

एके श्रीवास्तव, सीपीएम, राज्य सेतु निगम