-फूलपुर में पेट्रोल पंप संचालक की हत्या के राज का पुलिस व क्राइम ब्रांच अब तक नहीं लगा सकी पता

-मोबाइल कॉल डिटेल के सहारे चल रही है पुलिस की जांच लेकिन अब तक कोई क्लू नहीं लगा हाथ

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VARANASI: छह दिन बीत चुके हैं। मामला गृहमंत्री राजनाथ सिंह के करीबी की हत्या का है। इसके बाद भी पुलिस इस हत्याकांड के राज का अब तक पता नहीं लगा सकी है। इससे अब उसकी वर्किंग स्टाइल पर भी सवाल उठने लगा है। हालांकि पुलिस का दावा है कि अरविंद सिंह की कॉल डिटेल के जरिए काफी कुछ हाथ लगा है लेकिन वह क्या है। इस बारे में कुछ भी बताने से हिचक रही है। बता दें के बाबतपुर स्थित एक पेट्रोल पंप के मालिक अरविंद सिंह की छह दिन पहले बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हाई प्रोफाइल मर्डर केस की जांच एसएसपी ने क्राइम ब्रांच को सौंपी है। लेकिन क्राइम ब्रांच से लेकर पुलिस तक दोनों हवा में ही तीर मार रही हैं।

किसकी थी सफेद कार

सूत्रों के अनुसार हत्या से पहले बिना नंबर की सफेद कार से कुछ लोग अरविंद की रेकी कर रहे थे। लेकिन कार किसकी था और उसमें कौन लोग थे। ये भी सामने नहीं आ सका है। पुलिस की अब तक कि उपलब्धि यह है कि हाई प्रोफाइल मर्डर के खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच अरविंद के मोबाइल की कॉल डिटेल्स को खंगालने में जुटी है। कुछ नंबर्स ऐसे मिले हैं जिनपर लगातार अरविंद की बातचीत हो रही थी। पुलिस ने इस मामले में अरविंद के ही पेट्रोल पंप के कुछ कर्मियों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ चल रही है।

वजह अब तक क्लीयर नहीं

अरविंद की हत्या क्यों की गईं? पुलिस इसका पता तक नहीं लगा सकी है। सिर्फ कयास लगा रही है कि हत्या के पीछे अरविंद सिंह के परिवार की एक जमीन हो सकती है। जिसको लेकर अरविंद का जौनपुर के कुछ लोगों से विवाद भी चल रहा है। वहीं मृतक की पत्‍‌नी ने जिस रिश्तेदार पर हत्या का आरोप लगाया है। वह भी पुलिस पकड़ से दूर है।

गृहमंत्री का भी डर नहीं

अरविंद सिंह गृह मंत्री राजनाथ सिंह के करीबी थे और उनके रिश्तेदार बताये जा रहे हैं। इसके बाद भी पुलिस व क्राइम ब्रांच इस मामले में सुस्त पड़ी हुई है। सर्विलांस के जरिए सिर्फ आधा दर्जन से ज्यादा फोन नंबर्स ही जुटा पाई है लेकिन इन नंबर्स का हत्या से कोई कनेक्शन नहीं जुड़ सका है। जिसके कारण पुलिस कोई भी कदम उठाने से हिचक रही है।