- हर मरीज को एक ही भोजन, सिटी के हॉस्पिटल्स में मरीजों की डाइट से खिलवाड़
- भोजन देने में की जा रही इस लापरवाही के लिए कब चेतेंगे जिम्मेदार
LUCKNOW: मरीजों को बीमारी अलग-अलग है। वे अलग-अलग विभागों में भर्ती हैं। डॉक्टर्स के अनुसार उनका भोजन भी अलग-अलग होना चाहिए लेकिन हमारी सिटी के अस्पतालों में सभी मरीजों को एक ही भोजन दिया जा रहा है। ऐसे में उन्हें जल्दी ठीक होने की बात तो बाद की है, उनकी हालत और भी अधिक बिगड़ सकती है। कई मामलों में ऐसा देखा भी गया है।
इन्हें तो अधिक पौष्टिक भोजन की जरुरत
सिटी के सभी अस्पतालों में यही हाल है। केजीएमयू हो या बलरामपुर सभी जगह स्त्री रोग विभाग में भर्ती प्रेगनेंट वूमेन को अलग से पौष्टिक आहार दिया जाना चाहिए लेकिन कोई इस तरफ ध्यान नहीं देता।
7 रुपए में पूरी डाइट
केजीएमयू में इस समय एक डाइट का भोजन 7 रुपए में तैयार होता है। सूत्रों की माने तो मरीजों को उनकी जरुरत के हिसाब से अलग-अलग भोजन दिए जाने के निर्देश हैं। सुबह नाश्ते में फ्रूट्स व मिल्क के अलावा लंच और डिनर की भी व्यवस्था होती है। लेकिन, अधिक मरीजों और कम मैनपॉवर के कारण कोई मरीजों की तरफ देखने का ध्यान ही नहीं रखता। यही हाल बलरामपुर, सिविल और डॉ। राम मनोहर लोहिया अस्पताल का है।
सुविधा मिलती नहीं
किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक नियमों में तो मरीजों को उनकी जरुरत के हिसाब से भोजन मिलने की जरुरत है। डॉक्टर और डाइटीशियन का यह काम है कि वे मरीज के हिसाब से उसकी डाइट के बारे में जानकारी दें और किचन से वही भोजन वार्ड में आए।
मेडिकल यूनिवर्सिटी में अलग-अलग मरीजों को उनकी बीमारी के हिसाब से खाना देने की व्यवस्था है। विभाग में डॉक्टर मरीजों को ये प्रिस्क्राइब करते हैं।
- डॉ। एससी तिवारी
सीएमएस, केजीएमयू।