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-पैंट्री कार संचालकों की मनमानी पर रेलवे का वार, नो बिल, फ्री फूड पॉलिसी लागू

balaji.kesharwani@inext.co.in

ALLAHABAD: पेंट्री कार संचालकों के साथ ही वेंडरों की मनमानी और ओवरचार्जिग से पैसेंजर्स ही नहीं, बल्कि रेल मंत्रालय भी परेशान है। इसलिए अब रेल मंत्रालय ने 'नो बिल, फ्री फूड' पॉलिसी लागू की है। इसके तहत अगर वेंडर आपको खाने का बिल नहीं देता है तो आपको पेमेंट देने की जरूरत नहीं है। ऐसी स्थिति में रेलवे आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगा। हां, बिल न देने पर वेंडर के खिलाफ कार्रवाई जरूर की जाएगी।

बिल पर ही पेमेंट का आदेश

रेलवे ने पैंट्री कार संचालकों, वेंडर्स के साथ ही सभी स्टॉल संचालकों को बिल के आधार पर ही पेमेंट का आदेश जारी कर रखा है। इसके लिए सभी कांट्रैक्टर्स को आदेश दिया गया है कि वे पीओएस मशीन या किसी और सिस्टम से पैसेंजर्स को बिल दें और निर्धारित रेट के अनुसार ही बिल लें। लेकिन 80 से 90 प्रतिशत पैंट्री कार संचालक इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं।

ओवरचार्जिग की 10 हजार शिकायतें

आईआरसीटीसी और रेलवे की तमाम कवायदों के बाद भी ओवरचार्जिग में कमी नहीं आ रही है। जनवरी से अब तक ट्रेन में ओवरचार्जिग की करीब 10 हजार से अधिक शिकायतें रेल मंत्रालय तक पहुंची हैं। इसके आधार पर ही रेल मंत्रालय नो बिल, फ्री फूड का प्लान लागू करने जा रहा है।

इंस्पेक्टर किए जाएंगे तैनात

वेंडर और पैंट्री कार संचालक हर हाल में पैसेंजर्स को बिल देकर ही पेमेंट लें, इसके लिए ट्रेनों में फूड इंस्पेक्टर तैनात किए जाएंगे। आरपीएफ, जीआरपी के साथ ही टीटीई व ट्रेन के कंडक्टरों को भी यह आदेश दिया जाएगा कि वे ऐसी स्थिति में पैसेंजर्स की मदद करें। इलाहाबाद जंक्शन से केवल इलाहाबाद-मुंबई दुरंतो एक्सप्रेस में ही पैंट्री कार की व्यवस्था है।

रेलवे हर वह प्रयास कर रहा है, जिससे पैसेंजर्स को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। ट्रेन में ओवर चार्जिग की शिकायतें आम हैं। इस पर अंकुश लगाने के लिए रेल मंत्रालय जल्द ही सख्त कदम उठाने जा रहा है। पीओएस मशीन से बिलिंग का आदेश पहले ही किया जा चुका है।

-अमित मालवीय

पीआरओ, एनसीआर

पैंट्रीकार संचालकों और वेंडरों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए रेल मंत्री द्वारा शुरू किए गए अभियान 'नो बिल, फ्री फूड' से पैसेंजर्स को अवगत कराया जा रहा है। वेंडर्स और पैंट्रीकार संचालकों को भी बताया जा रहा है कि बिल नहीं देंगे तो पेमेंट नहीं मिलेगा। इसका प्रभाव जल्द दिखाई देगा।

-रितेश कुमार

सीनियर सुपरवाइजर, आरईआरसीटीसी