मानवता -शादी-पार्टी में बचे हुए खाने को जरूरतमंदों तक पहुंचाने की अनूठी पहल

-सुखप्रीत कौर की अगुवाई में फीडिंग इंडिया संस्था से जुड़े 64 से अधिक यूथ

RANCHI(21 Aug): भूखे और जरूरतमंद लोगों को मदद करना इनका धर्म है। इसी मकसद को पूरा करने के लिए शादी और पार्टियों में बचे खाने को जरूरतमंदों तक पहुंचाने में ये जी जान से जुटे हुए हैं। समाज की बेहतरी के लिए की गई इस पहल की अगुवाई सुखप्रीत कौर कर रही हैं। वह सेंट जेवियर्स कॉलेज से बीएड भी कर रही हैं। इस अनोखी पहल में उनका साथ म्ब् से ज्यादा युवा दे रहे हैं। सुखप्रीत कौर ने बताया कि दिल्ली के अंकित कावत्रा ने भूखे लोगों तक खाना पहुंचाने के लिए फीडिंग इंडिया नामक एक संस्था बनाई। वर्ष ख्0क्भ् में शुरू हुई इस संस्था ने रांची में भी अपना काम शुरू कर दिया और तीन महीने में यह क्8भ्फ् लोगों को खाना खिला चुकी है। इस काम में बलप्रीत कौर, कंचन तनेजा, विकास बुधिया, पंकज छाबड़ा, सुरभि, नीरज और कई अन्य भी इनका साथ दे रहे हैं।

कैटरर्स के संपर्क में रहते हैं

फीडिंग इंडिया रांची के सदस्य कैटरर्स और रेस्टोरेंट के संपर्क में रहते हैं। जिससे उनके यहां बचे खाने को जरूरतमंदों के बीच बांटा जा सके। पार्टी के खत्म होते ही रात के क्ख् या एक बजे संस्था के सदस्यों को फोन आ जाता है। फोन आते ही संस्था के सदस्य उसी समय खाना लेने निकल जाते हैं। खाना लेकर वे इसकी जांच करते हैं। इसके लिए रेस्टोरेंट के मालिक और कैटरर्स को डब्बा भी दिया गया है। इसी खाने को सुबह छह से आठ बजे के बीच बांटा जाता है। बांटने से पहले यह देखा जाता है कि यह ठीक है कि नहीं, इसके बाद ही इसे जरूरतमंदों को दिया जाता है। अगर खाना खराब होता है, तो इसे फेंक दिया जाता है।

अप्रैल में शुरू हुआ अभियान

सुखप्रीत ने बताया कि रांची में इस अभियान की शुरुआत अप्रैल ख्0क्7 में की गई थी। शुरू में स्कूल और कॉलेज के आसपास के लोगों को भोजन कराया गया। इसे नेक काम मानकर बड़ी संख्या में युवा और बुजुर्ग इससे जुड़ते चले गए। ये सभी खाना लाने से लेकर लोगों को खिलाने तक में मदद करते हैं। इनके साथ रेस्टोरेंट और कैटरर्स भी जुड़े हुए हैं।

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ये लोग हैं संस्था से जुड़े

संजीव छाबड़ा, सुभाष सेठ, सुनील कुमार सिंह, कंचन तलेजा, बलप्रीत, आयुष कुमार सिंह, निखिल मंगल, संजीव छाबड़ा, पंकज चांद, नीरज कुमार, पुष्पेंद्र कुमार विद्यार्थी, जूही शुक्ला।

क्या कहते हैं ये युवा

गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाना मानवता की सेवा है। इसी सेवा भावना से हम यह काम कर रहे हैं।

सुखप्रीत कौर

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भूखे लोगों को भोजन देने से अच्छा कोई दूसरा काम नहीं। इस नेक काम को करके मुझे आत्मिक संतुष्टि मिलती है। यही असली मनुष्यता है।

निखिल मंगल

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लोगों को भोजन देकर मुझे आनंद की अनुभूति होती है। खाना खाकर जब उनके चेहरे पर खुशी की चमक दिखती है, तो इससे अच्छा कुछ महसूस नहीं होता।

पंकज चांद

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ईश्वर ने मनुष्य को दूसरों की मदद करने के लिए भेजा है। अपने लिए जीना तो सभी जानते हैं, पर मानवता के लिए जीना बड़ी बात है।

कंचन तलेजा