छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: लौहनगरी में बुधवार को खाद्य, सार्वजनिक वितरण व उपभोक्ता विभाग, भारत सरकार के सचिव रविकांत ने अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में उन्होंने भूख से होने वाली मौत पर सीधे राज्य सरकार को दोषी बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से राज्यों को समुचित खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। राज्य में किसी भी व्यक्ति की भूख से मौत होने पर राज्य सरकार ही जिम्मेदार है। इससे पहले उन्होंने जनवितरण प्रणाली पीडीएस योजना के तहत चल रही दुकानों, एफसीआइ गोदामों का भी निरीक्षण किया।

उज्ज्वला योजना की समीक्षा

इस मौके पर उन्होंने पीडीएस के लाभुकों एवं उ”वला योजना के लाभुकों से पूछताछ भी की। निरीक्षण के बाद आयोजित बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों से ग्रामीण डाकिया योजना, धान क्रय, उज्ज्वला योजना जैसी खाद्य योजनाओं की समीक्षा की। अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि तकनीकी कारणों, आधारकार्ड लिंक होने, अंगूठा न मिलने की दशा में किसी भी लाभुक को उसके अधिकार से वंचित न किया जाए। उन्होंने स्पष्ट्र आदेश देते हुए कहा कि ऐसे लाभुकों को पहचान पत्र के आधार पर गेहूं-चावल का वितरण किया जाए। इससे पहले सचिव ने पीडीएस दुकानदार रामनाथ सिंह, देवनगर, गांधी आश्रम साकची, अन्नपूर्णा भंडार काशीडीह का भी निरीक्षण कर दुकानदारों से पूछताछ की। रविकांत ने सीडब्ल्यूसी, गम्हरिया का भी निरीक्षण किया। यहां चारों ओर फैली गंदगी को देखकर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की और युद्धस्तर पर सफाई कराके तस्वीर विभाग को भेजने का निर्देश दिया। उन्होंने इस अवसर पर निर्देश दिया कि जनवितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले गेहूं एवं चावल का उठाव एक माह पूर्व ही सुनिश्चित किया जाए। गोदाम के निरीक्षण के दौरान हो रहे शेड निर्माण को उन्होंने जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश भी दिए।

इनकी रही मौजूदगी

बैठक व निरीक्षण में सचिव रविकांत के साथ उपायुक्त अमित कुमार, विशिष्ट अनुभाजन पदाधिकारी बिंदेश्वरी ततमा, अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम माधवी मिश्रा, जीएम एफसीआइ, एरिया मैनेजर एफसीआइ आदि भी थे।

मुझे कोई जानकारी नहीं : सरयू

झारखंड सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री सरयू राय ने कहा कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। वैसे भी केंद्र के सचिव राज्य के सचिव से बात करेंगे, मुझसे क्यों बात करेंगे। यदि उन्होंने कहा है कि भूख से मौत के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है, तो यह गंभीर बात है। मैं उनसे बात करूंगा। जहां तक मुझे जानकारी है, वह किसी निजी कार्यक्रम में यहां आए थे। वैसे भी डायरेक्टर्स बंगलो क्यों जाएंगे, यह टाटा स्टील का स्थान है। वहां सरकारी बैठक कैसे हो सकती है।