शहर के हजारों खाद्य व्यापारियों के पास नहीं है लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन

सर्वे के दौरान आए चौकाने वाले आंकड़े, सैंपलिंग भी हो गई है बंद

ALLAHABAD: शहर में खाद्य व्यापारियों के बीच मिलावट रोकने वाले कानून का कितना पालन हो रहा है, यह किसी से छिपा नहीं है। खुली से लेकर पैकेट बंद चीजों में मिलावट के साथ सब-स्टैंडर्ड के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं। ऐसे में सैंपलिंग को लेकर राज्य सरकार द्वारा लगाई गई इन डायरेक्ट रोक बचे हुए डर को भी खत्म कर देगी। इस हालात में दीपावली पर आम जनता को खानपान की चीजें कितनी अच्छी क्वॉलिटी की मिलेंगी, यह एक बड़ा सवाल बन गया है।

कुछ दिनों में खुल गई पोल

लोगों को कितना सेफ खानपान की वस्तुएं मिल रही हैं, इसका अंदाजा सर्वे रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। खानपान की दुकानों के लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन को लेकर भले ही कठोर नियम बनाए गए हों लेकिन अभी हजारों दुकानें मनमाने ढंग से चलाई जा रही हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा 10 अगस्त से सर्वे किया जा रहा है, जो 10 अक्टूबर तक चलेगा। 15 सितंबर तक की रिपोर्ट के मुताबिक 12 लाख से कम टर्न ओवर वाले कुल 4694 दुकानों की जांच की गई। इसमें से 1732 के पास रजिस्ट्रेशन नहीं मिला। इसी तरह 12 लाख से अधिक सालाना टर्न ओवर वाली 405 दुकानों की जांच में महज 314 के पास ही लाइसेंस मिला।

लगातार फेल हो रहे हैं सैंपल

विभाग द्वारा पूर्व में लिए गए सैंपल की रिपोर्ट लगातार फेल हो रही है। बता दें कि पिछले दो से तीन माह के दौरान आई रिपोर्ट में 50 फीसदी तक सैंपल फेल हो रहे हैं। सितंबर में कुल 33 सैंपल रिपोर्ट आई, इसमें से 16 सैंपल फेल आए हैं। जिसमें 13 सब-स्टैंडर्ड और दो अनसेफ हैं। इसके अलावा एक फेमस आयुर्वेदिक ब्रांड का नूडल भी सब-स्टैंडर्ड पाया गया। पान मसाले में कत्थे की जगह हानिकारक गैंबियर मिला है। पनीर के सैंपल भी फेल हुए हैं। कुल मिलाकर लोगों के खानपान की शायद ही कोई चीज सही बची हो। मिलावटखोर बेकाबू होने की कगार पर हैं।

एक नजर में सर्वे रिपोर्ट

12 लाख से कम टर्न ओवर वाली दुकानों की कुल जांच- 4694

कितने के पास मिला फूड रजिस्ट्रेशन- 2962

बिना रजिस्ट्रेशन चल रही दुकानें- 1732

12 लाख से अधिक टर्न ओवर वाली दुकानों की कुल जांच- 405

कितने के पास मिला फूड लाइसेंस- 314

बिना लाइसेंस चल रही दुकानें- 91

मिलावटखोरों के हौसले तो पहले ही बुलंद हैं। अब वे बिना भय मिलावटखोरी को अंजाम देंगे जो कि जनता की जिंदगी से सरासर खिलवाड़ है। त्योहार के समय में सैंपलिंग रोकने का फैसला बदल देना चाहिए।

महेंद्र कनौजिया

त्योहार के समय मिलावटखोरी चरम सीमा तक पहुंच जाती है। सैंपलिंग को किसी हाल में रोका नहीं जाना चाहिए था। इससे मिलावटखोरी और ज्यादा बढ़ जाएगी।

नीरा त्रिपाठी

सैंपलिंग बंद होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। मिलावटखोर और भी अधिक सक्रिय हो जाएंगे।

-ऋषि समीर

जिनके पास रजिस्ट्रेशन या लाइसेंस नही मिला है उनको 25 अक्टूबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद भी वह मनमानी चलते पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ। एसपी सिंह, अभिहित अधिकारी, खाद्य सुरक्षा विभाग